समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में पहुंचे केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की जमीन बनाने में जुट गए हैं। उन्होंने राज्य की बेरोजगारी और पिछ़ड़ेपन पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 21 करोड़ है। लेकिन औद्योगीकरण न होने से यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए औद्योगीकरण आवश्यक है क्योंकि औद्योगिक विकास से हम बेरोजगारी को दूर कर समृद्धि हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि लखनऊ में जल्दी ही नई इस्पात नीति की घोषणा की जाएगी। उत्तर प्रदेश में इस्पात के उपभोग व उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि वर्ष 2010-11 के दौरान राज्य में कुल इस्पात उपभोग लगभग 58 लाख टन रहा जो पूरे भारत के उपभोग का 9.3 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में इस्पात उपभोग भारत के लगभग 52 किलोग्राम की तुलना में 34 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है।
उन्होंने बताया कि स्टील अथॉरिटी (सेल) द्वारा लखीमपुर खीरी में एक लाख टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता की एक टीएमटी बार मिल स्थापित की जा रही है। परियोजना के लिए जमीन ली जा चुकी है और मिट्टी की जांच व साइट सर्वे का काम पूरा हो गया है। बाराबंकी जिले में भी सेल ने एक टीएमटी बार मिल स्थापित करने की योजना बनाई है। सेल हरदोई, मिर्जापुर, झांसी व गोंडा में कंवर्जन एजेंट के सहयोग से स्थापित की जा रही चार रोलिंग मिल से टीएमटी बार उत्पादन की योजना पर भी काम कर रही है।
मंत्री महोदय ने कहा कि इस्पात मंत्रालय देश में इस्पात के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय इस्पात उत्पाद के क्षेत्र में चीन दुनिया में पहले नंबर पर और भारत चौथे नंबर पर है। लेकिन वर्ष 2020 तक 20 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर भारत दूसरे नंबर पर आ जाएगा।