टिप्स का धंधा कैसा दागदार हो गया है, इसकी मिसाल देश के सबसे बड़े अंग्रेजी बिजनेस अखबार ने पेश कर दी है। सोमवार को पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी ने बासमती चावल निर्यात करनेवाली कंपनी केआरबीएल लिमिटेड के शेयरों की खरीद-फरोख्त में धांधली को लेकर किसी जिग्नेश शाह नाम के शख्स पर 2.5 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया और अगले ही दिन, मंगलवार को इस अखबार ने केआरबीएल में खरीद की सलाह दे डाली। हालांकि यहऔरऔर भी

विदेशी मुद्रा के डेरिवेटिव सौदे इसीलिए होते हैं कि आयातक-निर्यातक डॉलर से लेकर यूरो व येन तक की विनिमय दर में आनेवाले उतार-चढ़ाव से खुद को बचा सकें और डेरिवेटिव सौदे कराने का काम मुख्य रूप से हमारे बैंक करते हैं। लेकिन अगस्त 2006 से अक्टूबर 2008 के दौरान जब रुपया डॉलर के सापेक्ष भारी उतार-चढ़ाव का शिकार हुआ, तब बैंकों ने हमारे निर्यातकों को ऐसे डेरिवेटिव कांट्रैक्ट बेच दिए जिनसे उनको तो फायदा हो गया, लेकिनऔरऔर भी

इस समय सब-ब्रोकर भले ही किसी न किसी ब्रोकर के साथ जुड़ कर काम करते हैं। लेकिन उनका स्वतंत्र वजूद होता है। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के पास उन्हें पंजीकरण कराना पड़ता है। लेकिन अगर सेबी की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश मान ली गई तो पूंजी बाजार के मध्यवर्ती के रूप में सब ब्रोकर के नाम को ही खत्म कर दिया जाएगा और वे ब्रोकरों के एजेंट या कर्मचारी बन कर रह जाएंगे। सेबी ने पूंजीऔरऔर भी

हमारा कंपनी अधिनियम किसी कंपनी मे स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के बारे में कुछ नही कहता। लेकिन लिस्टिंग समझौते के अनुच्छेद-49 के अनुसार स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हर कंपनी को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों को रखना जरूरी है। फिर भी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध 130 कंपनियों ने इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं किया है। इसमें से 83 कंपनियां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की हैं तो 47 कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की। यह जानकारीऔरऔर भी

आपको पता है कि कल मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में अनिल अंबानी की कंपनी आरएनआरएल (रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड) के कितने शेयरों के सौदे हुए? 6 करोड़ 68 लाख 19 हजार 279। इसमें से डिलीवरी के लिए खरीद-फरोख्त हुई 92 लाख 61 हजार 547 शेयरों की यानी केवल 13.86 फीसदी। डे ट्रेडरों ने इस शेयर को अच्छी वाट लगाई और यह एक दिन में ही 7.69 फीसदी गिर गया। लेकिन आज शेयर में उठाव काऔरऔर भी

देश में 9 राज्य को-ऑपरेटिव बैंक और 191 केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक अभी भी बिना लाइसेंस के चल रहे हैं। चौंकानेवाली बात यह है कि दशकों से भारी संख्या में ऐसी सहकारिता संस्थान बगैर किसी बैंकिंग लाइसेंस के चलते रहे हैं। लेकिन वित्तीय क्षेत्र आकलन समिति ने सिफारिश की थी कि 2012 के बाद किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक को बगैर लाइसेंस लिए काम न करने दिया जाए। इसी के बाद रिजर्व बैंक ने तय किया कि वह उनऔरऔर भी

देश में आर्थिक सुधारों के लागू होने के लगभग दो दशक बाद भी हमारे शेयर बाजार में पूंजी नहीं बनती, नोट बनते हैं। बाजार में रोज के कारोबार का औसतन 75 फीसदी हिस्सा फ्यूचर्स व ऑप्शंस के डेरिवेटिव सौदों से आता है। डेरिवेटिव कांट्रैक्ट वास्तविक शेयरों की छाया की तरह होते हैं, जिनके बदले शेयर भी लिए जा सकते हैं। लेकिन अपने यहां अब भी इनका निपटान नोट में किया जाता है। भौतिक डिलीवरी का फैसला हालऔरऔर भी

देश के सभी नागरिकों को अलग पहचान देने की परियोजना, आधार में किसी भी व्यक्ति के धर्म और जाति का उल्लेख नहीं होगा। इसमें व्यक्ति को उसकी उंगलियों के निशान और आंख की पुतलियों के स्वरूप से पहचाना जाएगा। इस परियोजना की संचालक यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के चेयरमैन नंदन निलेकणी के अनुसार उनकी संस्था देशवासियों के लिए अलग नंबर जारी करेगी, कार्ड नहीं। यह नंबर पूरी जिंदगी के लिए होगा। इसमें व्यक्ति के नाम,औरऔर भी

नौकरीपेशा परिवारों की पढ़ी-लिखी गृहणियां अब वित्तीय बाजार में निवेश का मोर्चा संभालने की तरफ बढ़ रही हैं। खासकर वे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में संभल-संभलकर ही सही, निवेश करने लगी हैं। यह बात अर्थकाम के एक अनौपचारिक और छोटे से सर्वेक्षण से पता चली है। हमने मुंबई, दिल्ली व कोलकाता के अलावा बर्नपुर (पश्चिम बंगाल), लुधियाना (पंजाब), लखनऊ, गाज़ियाबाद, मेरठ व बनारस (उ.प्र.), इंदौर (म.प्र.), जयपुर (राजस्थान) के कुछ परिचित दोस्तों से बात की। इनमेंऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के बनाए लिस्टिंग समझौते के मुताबिक हर साल सभी लिस्टेड कंपनियों को 15 अप्रैल से पहले मार्च की तिमाही तक शेयरधारिता की ताजा स्थिति स्टॉक एक्सचेंजों के पास भेज देनी होती है और स्टॉक एक्सचेंजों को फौरन यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाल देनी होती है। लेकिन आज 22 अप्रैल की तारीख बीतने वाली है, फिर भी कम से कम 25 कंपनियां ऐसी हैं जिनकी शेयरधारिता की ताजा जानकारी बीएसई और एनएसईऔरऔर भी