ऊंची खरीद, करेक्शन और उछाल

बाजार का नई ऊंचाई पर पहुंच जाना कोई मजाक नहीं है। सितंबर का सेटलमेंट ऐसा सेटलमेंट रहा जब निफ्टी 5555 अंक से पलटकर वापस मुड़ा। यह वह स्तर था जहां से फंडों ने अपनी तमाम सारी शॉर्ट पोजिशन को तौबा बोलकर बाजार में खरीद का सिलसिला शुरू किया। निवेशक और ट्रेडर आमतौर पर यह बात भूल जाते हैं कि कोई भी स्टॉक तेजी के दौर में जाने से पहले अपने को जमाता है, उसी तरह जैसे कोई सांड हमला करने से पहले एक जगह टिककर जमीन को अपने खुरों से पीछे खुरचता है।

इस दरमियान बहुत सारे लोग उस पर अपनी गिरफ्त कसते जाते हैं। इसके चलते अक्सर उसके भाव में काफी उतार-चढ़ाव भी आता है। यहां भी पहली एंट्री ऊंचे भाव पर होती है। लक्ष्य रहता है कि जरूरी शेयरों का 10 फीसदी एकमुश्त हासिल कर लिया जाए। इसके बाद करेक्शन के जरिए इसे जमने दिया जाता है और तब इसमें आता है ब्रेक आउट। निफ्टी भी इसी पैटर्न पर रहा है। निफ्टी को पहले 6200 के स्तर तक बटोरा गया। अब यह 5800 तक के करेक्शन के मुहाने पर खड़ा है। वहां तक जाकर दम भरेगा, खुद को जमाएगा। उसके बाद वह ब्रेक आउट के दौर में जाएगा। पहुंचेगा 6350 से ऊपर अंक और नया लक्ष्य होगा 8000 अंकों का।

वैसे, हमारा आकलन है कि निफ्टी के 8000 अंक तक पहुंचने की नई राह अभी से खुलने लगी है। ऑटो और बैंकिंग स्टॉक्स में हुआ रोलओवर महत्व नहीं रखता। ऑटो कंपनियों की बिक्री भी उम्मीद से कम रही है। स्टील के बढ़ते दाम ऑटो कंपनियों के शुद्ध लाभ में और सुराख करेंगे। इसलिए इनसे निकल जाइए। आंख मूंदकर आइरन ओर और रीयल्टी सेक्टर में प्रवेश कर जाइए। आप आगे इन दोनों सेक्टरों में ऐतिहासिक रैली देखनेवाले हैं।

स्मॉल कैप कंपनियों में त्रिवेणी ग्लास, ब्रशमैन, विम प्लास्ट, विंडसर, कैम्फर, क्विंटेग्रा, आईओएल नेटकॉम, सैंडुर, बालासोर और सूर्यचक्र पावर के शेयर बटोरते रहिए, जबकि मिडकैप में सेसा गोवा, एनएमडीसी, और आईएमएफए जैसी दूसरी आइरन ओर कंपनियां एक साल के लिए अच्छा निवेश साबित हो सकती हैं। आगे हम सेसा गोवा, ओएमडीसी (उड़ीसा मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) और एनएमडीसी पर अगली विस्तृत रिपोर्ट लानेवाले हैं।

अपनी सारी आशाओं-निराशाओं और बराबरी की धारणा के बीच भी हम में से हर कोई कहीं न कहीं यह माने बैठा रहता है कि वह औरों से श्रेष्ठ है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

1 Comment

  1. भारतीय समाज, आपके द्वारा शुरु किये गये इस प्रयास को कभी भुला नहीं पायेगा, हिंदी मात्र उत्तर भारतीयो कि हि नही वरन पूरे देश कि भाषा है, हर लेख हमेशा एक उर्जा का संचार कर जाता जो अगले लेख तक कयाम रहता है, प्रवाह, भाषा, सब कुछ अद्वितीय और उच्च कोटि का होता ह, रघु जी, सुझाई कंपनी को उनके कोड के साथ उल्लेखित करें तो सुविधा होगी।

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