वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में तय लक्ष्य से भी अधिक कर-वसूली के लिए आयकर विभाग की पीठ थपथपाई और कहा कि 7.90 लाख करोड़ रुपए की अप्रत्याशित कर वसूली करके विभाग ने देश को वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लाने में मदद दी है।
सरकार ने 2010-11 में 7.90 लाख करोड़ रुपए का कर संग्रह किया जबकि 74,000 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया। वित्त मंत्री ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: के अध्यक्ष सुधीर चन्द्रा को भेजे प्रशंसा पत्र में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रत्याशित कर संग्रह हुआ है। शुरु में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों से कुल 7.45 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया था जिसे बाद में बढ़ाकर 7.82 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। जबकि वास्तव में कुल कर संग्रह 7.90 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे राजकोषीय मजबूती के हमारे प्रयासों को बड़ा सहारा मिला है। मजबूत राजकोष देश की अर्थव्यवस्था के विकास और लोगों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है।’’ मुखर्जी ने चन्द्रा को भेजे इस पत्र में कहा है कि वे देश भर में फैले विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी उनकी तरफ से बधाई का यह संदेश पहुंचा दें। प्रत्यक्ष कर वसूली में उनके योगदान के लिए विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।
मुखर्जी ने कहा, “वर्ष की शुरुआत में हमने 4,30,000 करोड़ रुपए की प्रत्यक्ष कर वसूली का लक्ष्य तय किया था। मुझे यह जानकर काफी प्रसन्नता हुई कि हमारे ‘आयकर परिवार’ ने इससे भी आगे बढ़कर 4,46,000 करोड़ रुपए के संशोधित आयकर वसूली लक्ष्य को हासिल करने में भी सफलता पाई और वह भी तब जब विभाग ने 74,000 करोड़ रुपए की राशि के 85 लाख रिफंड भी जारी किए।’’
वित्त मंत्री ने आयकर विभाग से कहा कि वह आयकर वसूली में बेहतर प्रगति को आगे भी जारी रखते हुए देश की आर्थिक वृद्धि में अपना योगदान जारी रखे।