2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी दूरसंचार कंपनियों के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। इनमें स्वान टेलिकॉम के निदेशक विनोद गोयनका, यूनिटेक वायरलेस के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा व हरी नायर शामिल हैं। अदालत ने 15 अप्रैल को इनकी अग्रिम जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया थै।
बुधवार को मामले पर गौर रही विशेष अदालत ने पांचों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की जांच एजेंसी (सीबीआई) की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओ पी सैनी की विशेष अदालत ने पांचों आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अग्रिम जमानत अर्जी में अगले सात दिन तक गिरफ्तारी से सुरक्षा का अनुरोध किया गया था ताकि वे अपनी अनुपस्थिति के दौरान कारोबार के प्रबंधन की कुछ वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें।
अदालत ने सीबीआई की इस आशंका पर सहमति जतायी कि आरोपी गवाहों को पक्ष में कर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और अपराध की गंभीरता को देखते हुए कानून के दायरे से फरार भी हो सकते हैं। पांचों आरोपियों का नाम 2जी घोटाले पर दायर पहली चार्जशीट में शामिल है। लेकिन इन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था।