बढ़ सकते हैं सितंबर के बाद कफ सिरप के दाम

देश में आवश्यक दवाओं के मूल्य पर नियंत्रण रखनेवाली संस्था एनपीपीए (नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी) ने दवा कंपनियों से 65 अवयवों के दाम का विवरण मांगा है। इन अवयवों में चीनी, स्टार्च, लैक्टोज व कोटिंग्स शामिल हैं। इनके दाम के प्रभाव का पिछला आकलन 2007 में किया गया। नए दामों के हिसाब से मूल्य का निर्धारण सितंबर 2010 तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।

एनपीपीए उन दवाओं के मूल्य पर नियंत्रण रखता है जिनको बनाने में 74 बल्क दवाओं का इस्तेमाल होता है। नियम है कि कंपनियां साल भर के दौरान अपनी दवाओं के मूल्य 10 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा सकतीं। अथॉरिटी का काम एक तरीके से सुनिश्चित करना है कि कंपनियां अपने मुनाफे के मूल्य इतना ज्यादा न बढ़ा दें कि वे आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएं।

जिन अवयवों के दाम एनपीपीए ने मांगे हैं, वे अमूमन दवा की कुल लागत में 5-10 फीसदी का योगदान करते हैं। इसलिए सितंबर के दाम इनके इस्तेमाल वाली दवाओं के दाम ज्यादा नहीं बढ़ेगे। लेकिन कोरेक्स व बेनाड्रिल जैसे कफ सिरप के दामों का बढ़ना लगभग तय है।

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