औरों की नज़र में

जितने ज्यादा लोग आप से जुड़ते जाते हैं, उतना ही आप धनवान बनते जाते हैं क्योंकि पैसा कुछ नहीं, औरों के लिए आपकी उपयोगिता का अमूर्तन है। आप अपने अंदर डूबकर भी सबके बन सकते हैं और बाहर निकलकर भी।

1 Comment

  1. भाई अनिल सिंह……………..ऋद्धि-सिद्धि के बारे में कभी कुछ प्रकाश डालें तो जाना जा सकेगा कि यहां प्रस्तुत इस ‘लोगो’ के अर्थ-निहित-अर्थ क्या हो सकते हैं!

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