अगर आप सोशल मीडिया पर ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टॉक ट्रेडिंग सिखानेवालों के फंदे में फंस गए तो बहुत सारे जार्गन या जुमले ज़रूर सीख जाएंगे। लेकिन ट्रेडिंग के सार और अपने रिफ्लेक्सेज़ को कभी नहीं साध पाएंगे। ट्रेडिंग का सार यह है कि सारा खेल भावों के उतार-चढ़ाव का है और शेयरों के भाव धन के आगम और निकास से निर्धारित होते हैं। धन का प्रवाह धनात्मक है, खरीदनेवालों की दिलचस्पी ज्यादा और बेचनेवालों की कम है तो शेयर के भाव बढ़ेंगे। वहीं, अगर इसकी उलटी स्थिति है तो भाव गिरेंगे। नोट करने की बात यह है कि हम जैसे रिटेल ट्रेडरों की सक्रियता से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है इससे कि देशी-विदेशी संस्थागत निवेशक क्या खरीद और बेच रहे हैं। कोई रजिस्टेंस या सपोर्ट लेवल इसे पक्का बता ही नहीं सकता। लेकिन साधारण-सी विद्या से इसकी थाह ज़रूर लगाई जा सकती है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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