योगी जी, गजब! राजनीति भी कमाई भी

आज के दौर में दुनिया में शायद ही कहीं धर्म के आधार पर राजनीति होती है। लेकिन भारत में धर्म के आधार पर राजनीति ही नहीं हो रही, बल्कि धंधा भी हो रहा है। वो भी उस धर्म के नाम पर जो इतिहास में कहीं दर्ज ही नहीं है। उसे कभी हिंदू तो कभी सनातन कहने लगते हैं। भारत में प्रचलित जो धर्म इतना व्यापक है कि उसकी कोई एक किताब नहीं, कोई एक आराध्य देव नहीं, उसकी तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ इस्लाम और ईसाई धर्म से करने लगते हैं और ललकारते है कि इन धर्मों में जितने लोग मक्का या वेटिकन सिटी पहुंचते हैं, उससे कई गुना लोग अब अयोध्या-काशी पहुंचते जाते हैं। इस बार प्रयागराज में 45 दिन चले महाकुम्भ में तो 66.21 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का रिकॉर्ड बन गया। इस पर राज्य सरकार ने ₹7500 करोड़ खर्च किए तो इससे कम से कम ₹3,00,000 करोड़ का धंधा हुआ। हालांकि एआई के टूल्स बताते हैं कि महाकुम्भ में बहुत हुआ तो 12 करोड़ श्रद्धालु आए होंगे। प्रति व्यक्ति ₹5000 खर्च तो ₹60,000 का धंधा। इस पर सरकार को सारे टैक्स मिलाकर ₹9000 करोड़ मिले होंगे। कमाल तो यह है कि कहा जा रहा है कि महाकुम्भ खत्म होते ही शेयर बाज़ार के अच्छे दिन आ जाएंगे। अब गुरुवार की दशा-दिशा…

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