विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अगर मुनाफे और स्थायित्व के लिए भारत छोड़कर चीन का रुख कर रहे हैं तो इसके पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है। चीन का शेयर बाज़ार भारतीय शेयर बाजार से इस समय तीन गुना सस्ता है। वहीं, चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि भारत पांचवें स्थान पर है। चीन की अर्थव्यवस्था अभी 18.5 लाख करोड़ या ट्रिलियन डॉलर की है तो भारत की 3.5 ट्रिलियन डॉलर की, यानी भारत से करीब पांच गुना बड़ी। दिलचस्प बात यह है कि 1985 में भारत और चीन की प्रति व्यक्ति आय लगभग बराबर हुआ करती थी। लेकिन आज भारत की प्रति व्यक्ति आय 2700 डॉलर है, जबकि चीन की 13,000 डॉलर। चीन के पास भारत की बनिस्बत एडवांटेज़ की स्थिति पहले से थी। अभी 24 सितंबर के बाद से उसने ताबड़तोड़ ऐसे कदम उठाए हैं जिसने उसकी समूची अर्थव्यवस्था में नई स्फूर्ति भर दी है। पहले उसने बैंकों की रिजर्व आवश्यकता में 0.50% कमी कर दी। फिर शेयर बाज़ार में ज्यादा कैश पहुंचाने के लिए 500 अरब युआन की स्वैप सुविधा घोषित कर दी। साथ ही वो उपभोक्ता व प्रॉपर्टी क्षेत्र को बढ़ाने के उपाय कर रहा है। इन कदमों से एक महीने में ही शांघाई कम्पोजिट सूचकांक 17.81% बढ़ चुका है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...