हाल-फिलहाल दो बार ऐसा हुआ जब बाज़ार तेज़ी से उठा तो लगा कि गिरावट का अंत हो गया। मगर अगले ही दिन यह आशा टूट गई। सवाल उठता है कि गिरावट का यह दौर कब तक चलेगा? सच है कि मोदी सरकार से तमाम अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं, कंपनियों के नतीजे खराब हैं, मानसून भी खराब रहनेवाला है। लेकिन यह सारी नकारात्मकता तो बाज़ार जज्ब कर चुका है! भरोसा रखें। मौसम है, बदलेगा। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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