यूटीवी सॉफ्टवेयर है बहुतों पर भारी

यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस में कल अचानक बीएसई (कोड – 532619) में औसत से छह गुना ज्यादा 49,699 शेयरों का कारोबार हुआ। हालांकि इसमें से 16.99 फीसदी ही डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई (कोड – UTVSOF) में हुआ कारोबार 1,39,994 शेयरों का रहा जिसमें से 21.56 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। हालांकि कंपनी ने कल ही दिसंबर 2010 तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। लेकिन शेयरों में बढ़े वोल्यूम से एक बात साफ होती है कि ट्रेडरों की दिलचस्पी इस स्टॉक में बढ़ी है और वे इसे मथने लगे हैं। यह देखना अलग बात होगी कि इस मंथन से कोई अमृत निकलता है या नहीं। लेकिन इतना तो हो ही गया कि रोजमर्रा ट्रेड होनेवाले तीन हजार स्टॉक्स में यूटीवी सॉफ्टवेयर सतह पर आ गया जिसे कोई भी निवेशक बीएसई की वेबसाइट पर मार्केट गैलेक्सी में देख सकता है।

कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2010-11 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 255.94 करोड़ रुपए की आय पर 41.48 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि साल भर पहले की इसी अवधि में 220.73 करोड़ रुपए की आय पर उसे सामान्य गतिविधियों से हुआ कर-पूर्व लाभ 26.31 करोड़ रुपए ही था। यूटीवी का शेयर कल बीएसई में 2.03 फीसदी की बढ़त के साथ 533.95 रुपए और एनएसई में 2.13 फीसदी बढ़कर 535 रुपए पर बंद हुआ है।

यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस की स्थिति इस समय मनोरंजन से जुड़ी अन्य कंपनियों – रिलायंस मीडिया वर्क्स, बालाजी टेलिफिल्म्स, श्री अष्टविनायक सिने विजन और इरोस इंटरनेशनल मीडिया में सबसे बेहतर है। यूटीवी सॉफ्टवेयर का शेयर जहां 16.97 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, वहीं बालाजी टेलिफिल्म्स 235.20 के पी/ई पर, श्री अष्टविनायक सिने विजन 21.47 और इरोस इंटरनेशनल मीडिया 28.28 पर। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस मीडिया वर्क्स के किसी पी/ई अनुपात की तो हम बात ही नहीं कर सकते क्योंकि वह भयंकर घाटे में चल रही है और उसका ठीक पिठले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस शून्य से नीचे ऋणात्मक में 22.56 रुपए है।

यूटीवी सॉफ्टवेयर का टीटीएम ईपीएस 31.46 रुपए है। प्रति शेयर बुक वैल्यू 271.80 रुपए है। इस तरह उसके शेयर मूल्य और बुक वैल्यू का अनुपात 1.95/1 का है जिसे अच्छा माना जाएगा। कंपनी के भूत, भविष्य, वर्तमान और इतिहास-भूगोल की जानकारी उसकी वेबसाइट से हासिल की जा सकती है। मोटे तौर बता दें कि रोहिंटन सोली स्क्रूवाला इस कंपनी के सीएमडी है। उन्हें छोटे में लोग रोनी स्क्रूवाला कहते हैं। यह भारत की पहली एकीकृत ग्लोबल मीडिया व इंटरटेनमेंट कंपनी है। पांच प्रमुख क्षेत्रों में सक्रिय है – ब्रॉडकास्टिंग, गेम्स कंटेंट, मोशन पिक्चर्स, इंटरैक्टिव और टीवी कंटेंट। टेलिविजन या फिल्म देखते हुए आप इसके नाम के दर्शन बराबर करते रहते हैं। आमिर खान की पीपली लाइव और संजय लीला भंसाली की गुजारिश जैसी फिल्में इसी प्रोडक्शन हाउस ने बनाई हैं।

यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस ने दुनिया की जानी-मानी मीडिया कंपनी वाल्ट डिजनी के साथ हाथ मिला रखा है। उसकी कुल इक्विटी 40.63 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसमें प्रवर्तकों का हिस्सा 70.15 फीसदी है, लेकिन रोनी स्क्रूवाला के पास केवल 5.35 फीसदी शेयर हैं, जबकि वाल्ट डिजनी के पास 50.44 फीसदी, यूनीलेजर एक्सपोर्ट्स के पास 8.04 फीसदी और यूनीलेजर हांगकांग के पास 6.32 फीसदी शेयर हैं। यूटीवी की सह-संस्थापक ज़रीना मेहता के पास तो कंपनी के केवल 800 शेयर हैं।

चलते-चलते एक और बात। कल अचानक एक प्रमुख निवेश पत्रिका में जे बी केमिकल्स (बीएसई – 506943) को 120 रुपए के भाव खरीदने की सिफारिश पर नजर गई तो याद आया कि हमने तो इसे 6 अप्रैल 2010 को ही खरीदने की सिफारिश की थी। तब यह शेयर 75.60 रुपए पर था, जबकि कल बीएसई में 125.30 रुपए पर बंद हुआ है। इस दौरान यह 4 जनवरी 2011 को 148.45 रुपए का नया शिखर बना चुका है। मात्र नौ महीने में इस पर मिले रिटर्न की गणना आप खुद कर लीजिए। इससे मैं अपनी वाहवाही नहीं, बल्कि बस इतना कहना चाहता हूं कि फंडामेंटल के स्तर पर मजबूत कंपनियों के शेयर सही मुकाम हासिल कर ही लेते हैं। अगर कोई शेयर इसके बावजूद पिटा रहता है तो इसकी एकमात्र वजह यह होती है कि उससे जुड़े कुछ मूलभूत पहलू हमारी नजरों से ओझल रह जाते हैं।

 

 

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