इनका राष्ट्रवाद हिंदू-मुसलमान और भारत-पाकिस्तान कर भोले-भाले देशवासियों का वोट बटोरने तक सीमित है। इसका प्रमाण इन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के शौर्य व बलिदान को भुनाने के लिए देश भर तिरंगा यात्रा निकाल कर दे दिया। लेकिन जब भी देशहित की रक्षा की बात आती है तो इनकी रीढ़ की हड़्डी गायब हो जाती है। चाहे वो जून 2020 में गलवान घाटी में चीन द्वारा हमारी 4000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन कब्जा करने का मामला हो या अप्रैल 2025 में अमेरिका में ट्रम्प द्वारा भारतीय आयात पर 27% टैरिफ लगाने का। दोनों ही मौकों पर मोदी सरकार ने सच्चाई से आंखें चुरा ली। वहीं, चीन लगातार अमेरिका के जवाबी टैरिफ का उससे भी तगड़ा जवाब देता रहा। अंततः ट्रम्प जैसे सनकी राष्ट्रपति तक को झुकने को मज़बूर होना पड़ा है। ट्रम्प ने टैरिफ युद्ध में चीन के आयात पर बढ़-चढ़कर 145% ड्यूटी लगाने का ऐलान किया था। अमेरिका ने अब चीन के माल पर आयात शुल्क घटाकर मात्र 30% कर दिया है। जवाब में चीन ने भी अमेरिकी माल के आयात पर शुल्क 125% से घटाकर 10% करने का फैसला लिया है। वहीं, मोदी सरकार ने भारत जैसे विशाल देश की स्थिति दयनीय बना दी है। खुद ट्रम्प ने कल दोहा में घोषणा कर दी कि भारत तमाम अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क जीरो करने को तैयार हो गया है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...