सोचो! शेयर नहीं, धंधा कहां जाएगा
सालों-साल से ट्रकों के पीछे लिखा रहता है देखो मगर प्यार से। लेकिन शेयर बाज़ार ऐसी चीज़ है जिसे देश के 92% लोग हिकारत से देखते हैं। बाकी लोग प्यार नहीं, लालच की नज़र से देखते हैं। सोचते और पूछते हैं कि बाज़ार कल या छह महीने बाद कहां तक जाएगा। असल सवाल उन्हें पूछना चाहिए कि जिस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसका धंधा कहां जाएगा। ऐसा सोचना आवश्यक है। अब आज का लंबा निवेश…औरऔर भी
