न घाटे पर लस्त, न मुनाफे पर मस्त
यूं तो ज्यादातर ट्रेडर हाई ब्लड-प्रेशर के शिकार होते है। लेकिन उत्तेजना में जीनेवाले ट्रेडर ज्यादा टिकते नहीं। लाभ-हानि दोनों ही अवस्था में जो शांत रहते हैं, वही टिकते हैं। सौदे में बड़ी कमाई से चहकनेवाले ट्रेडर उस वकील जैसे हैं जो मुकदमे के बीच ही नोट गिनने लगता है। वहीं घाटा खाकर लस्त पड़नेवाले ट्रेडर उस सर्जन जैसे हैं जो ऑपरेशन टेबल पर मरीज का खून देखकर बेहोश हो जाता है। अब बाज़ार पर शांत नज़र…औरऔर भी