रिजर्व बैंक गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव का कहना है कि वे यह कयासबाजी नहीं कर सकते कि ब्याज दरों में कटौती कब की जाएगी। उन्होंने मुंबई में शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य-त्रैमासिक समीक्षा जारी होने के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने मुद्रास्फीति की स्थिति और आर्थिक वृद्धि में नरमी पर गौर किया। रिजर्व बैंक ने मार्च 2010 के बाद 13 बार ब्याज दरों में वृद्धि की थी। लेकिन इस बार उसने यह सिलसिला रोक दिया। सीआरआर में अपेक्षा के उलट कटौती नहीं की गई है। लेकिन सुब्बाराव ने आश्वासन दिया कि बैंकिंग तंत्र में नकदी की तंगी नहीं होने दी जाएगी।
रुपए में लगातार चल रही गिरावट पर उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से इसका मुद्रास्फीति पर असर होगा और इस बारे में हमने समीक्षा में कहा है।” उनका कहना था कि रिजर्व बैंक स्थिति पर नजदीकी से नजर रखे हुए है और जब भी उचित होगा कदम उठाएगा। डॉलर के मुकाबले रुपए में पिछले दिनों भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को कारोबार के दौरान एक समय डॉलर के मुकाबले रुपया 54 तक गिर गया था। हालांकि, रिजर्व बैंक के तात्कालिक उपायों से शुक्रवार को स्थिति थोड़ी संभल गई।