प्रणाम गुरुदेव
असंख्य गुरु हमारे अंदर बैठे हैं और हम उन्हें बाहर तलाशते रहते हैं। कभी रहे होंगे पहुंचे हुए संत और फकीर। अभी तो सब छलिया हैं, धंधेबाज हैं। वैसे भी प्रतिभा को द्रोणाचार्य से ज्यादा उनकी प्रतिमा निखारती है।और भीऔर भी
असंख्य गुरु हमारे अंदर बैठे हैं और हम उन्हें बाहर तलाशते रहते हैं। कभी रहे होंगे पहुंचे हुए संत और फकीर। अभी तो सब छलिया हैं, धंधेबाज हैं। वैसे भी प्रतिभा को द्रोणाचार्य से ज्यादा उनकी प्रतिमा निखारती है।और भीऔर भी
गूगल इंडिया ने भारत में ऑनलाइन शॉपिंग को लोकप्रिय बनाने के लिए नई पहल की है। इस सिलसिले की शुरुआत उसने राजस्थान की है और तय किया है कि वह अपने पोर्टल गूगल सर्च पर राजस्थान के उद्यमियों को मुफ्त समर्थन व विज्ञापन की सुविधा देगा। जयपुर में बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए गूगल इंडिया के ऑनलाइन सेल्स प्रमुख श्रीधर शेषाद्री ने कहा कि हम उद्यमियों को ऑनलाइन विज्ञापन अभियान बनाने में विशेषज्ञों की मददऔरऔर भी
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