देखने में सफलता कितनी भी व्यक्तिगत लगे, लेकिन मूलतः वह सामाजिक होती है। कोई विचार कितना ही अच्छा क्यों न हो, वह तब तक सफल नहीं होता जब तक उसे सामाजिक तानाबाना नहीं मिलता।और भीऔर भी

बड़ा ओहदा, बड़ी कुर्सी, बड़ा नेटवर्क। लेकिन असल में आप कितने बड़े हैं, यह इससे तय होता है कि आपको नितांत अपनों से कैसी आत्मीयता व सम्मान मिलता है। वही आपकी थाती है। बाकी सब भौकाल है।और भीऔर भी

समस्याओं का होना कोई बुरी बात नहीं, अगर हम उनसे जूझने को तैयार हों। देखें कि कौन-सी समस्या व्यक्तिगत है और कौन-सी व्यवस्था-जन्य क्योंकि इनसे निपटने के तरीके भिन्न होते हैं।और भीऔर भी

कोटरों में दाने बीनती दुनिया। व्यक्ति की निजी दुनिया। व्यक्तियों से समाज, समाजों से देश और देशों से बनी दुनिया। हर किसी को मुकम्मल जहां मिल जाता तो इस तरह नहीं बनती दुनिया।और भीऔर भी

किसी गाड़ी के लिए शॉक एब्जॉर्वर जो काम करता है, वैसी ही भूमिका किसी कर्जदार के लिए मोर्गेज इंश्योरेंस की है। आपने यदि किसी प्रकार का कर्ज लिया है तो मोर्गेज इंश्योरेंस काफी उपयोगी हो सकता है। खास कर उस स्थिति में और ज्यादा, जब कर्ज लेने के बाद आपकी असामयिक मौत हो जाती है। तब मोर्गेज इंश्योरेंस ही आपके परिवार की चिंताएं दूर करता है। कैसे काम करता है: मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपएऔरऔर भी