बाजार में मिड कैप स्टॉक्स की चर्चा जोरशोर से चल पड़ी है। हर 5 सेकंड पर कोई न कोई सूचना आ जाती है और इनमें से ज्यादातर खबर बन जाती हैं। यह न केवल बाजार के लिए, बल्कि निवेशकों के लिए भी शुभ संकेत है। बी ग्रुप के शेयरों में रैली शुरू हो गई है। उन तमाम रिटेल निवेशकों को अब इनसे निकलने का मौका मिल जाएगा जिन्होंने इन्हें ऊंचे भाव पर खरीदा था। दरअसल, यह एकऔरऔर भी

मैंने आपको जो बताया था, वो सच हो गया। 5400 के आसपास मंदड़ियों मे भरपूर कोशिश की। लेकिन विकट हमले के बावजूद वे यह स्तर नहीं तोड़ सके। इससे उनको समझ में आ गया है कि बाजार अपना न्यूनतम स्तर पकड़ चुका है और अब इसे और नीचे ले जाना संभव नही। और, मैंने भी उनका सारा गोरखधंधा बेहद करीब से देखने के बाद बहुत कुछ सीखा है। हमने अप्रैल 2008 में निफ्टी जब 4800 पर था,औरऔर भी

बाजार डांवाडोल है। कभी इधर तो कभी उधर भाग रहा है। यह 2008 में लेहमान के संकट के बाद की स्थिति का दोहराव है। उस वक्त भी सारे पंटर और बाजार के पुरोधा कह रहे थे कि सेंसेक्स 6000 तक चला जाएगा। अक्सर लोगबाग टीवी स्क्रीम पर आ रही कयासबाजी देखते हैं और मान बैठते हैं कि जैसा कहा जा रहा है, वैसा ही होगा। लेकिन वे एनालिस्टों की चालाकी पर गौर नहीं करते हैं जो कहतेऔरऔर भी

कभी-कभी कुछ चीजों का साक्ष्य नहीं होता, लेकिन इससे वो चीजें गलत नहीं हो जातीं। मैं यहां ईश्वर जैसी सत्ता की नहीं, बल्कि शेयर बाजार में अभी हाल में चले खेल की बात कर रहा हूं। साधारण-सी रिश्वतखोरी को बडे घोटाले की तरह पेश करना, लोड सिंडिकेशन के काम में लगी मनी मैटर्स फाइनेंशियल सर्विसेज को निपटाना, सेंसेक्स से ज्यादा मिड कैप और स्माल कैप शेयरों को पीट डालना, कुछ ऑपरेटरों को रत्ती भर भी आंच नऔरऔर भी

बाजार पिछले दिनों दीवाली पर 21,000 अंक तक ऊंचा जाने के बाद से खुद को जमा रहा है। लेकिन कोरिया में ब्याज दरों के बढ़ने और आयरलैंड सरकार के 69 अरब डॉलर के डिफॉल्ट ने रिटेल निवेशकों के बीच कुछ हद तक अनिश्चितता पैदा कर दी है। फिर, राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले, टेलिकॉम घोटाले और आदर्श घोटाले जैसे राजनीतिक मामलों के साथ ही एलआईसी को 14,000 करोड़ रुपए के नुकसान की खबर ने भी निवेशकों के दिमागऔरऔर भी

आईबीएम का एक विज्ञापन आपने देखा होगा जिसमें सच तक पहुंचने के लिए डाटा या आंकड़ों की अहमियत समझाई गई है। बाजार के संबंध में सीएनआई रिसर्च भी तमाम ऐसे डाटा उपबल्ध करा रही है। वह डेरिवेटिव सौदों के जिन आंकड़ों के आधार पर निफ्टी में लक्ष्य का निर्धारण करती है, उन्हें उसने अपनी वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध करा रखा है। कोई सीएनआई का सदस्य हो या न हो, इन्हें देख-परख सकता है। सीएनआई की वेबसाइटऔरऔर भी

शेयर बाजार में काम करनेवाला शायद ही कोई शख्स होगा जो ओल्ड फॉक्स का नाम न जानता हो। लेकिन हमारे-आपके लिए शायद यह एक पहेली है। असल में इनका नाम है राधा कृष्ण दामाणी। इन्हें आरके भी कहते हैं। उम्र है यही कोई 57 साल। ये बाजार के उस्ताद खिलाड़ी हैं। हर्षद मेहता को टक्कर देने के लिए जाने जाते हैं। मुंबई के नरीमन प्वाइंट में दफ्तर है। कम से कम 5-6 हजार करोड़ के मालिक हैं।औरऔर भी

मुझे अपने स्तर पर पता है कि बाजार के एक स्मार्ट ऑपरेटर ने निफ्टी में 5300 के स्तर पर कुछ शॉर्ट सौदे किए हैं। हालांकि वह तमाम शेयरों के साथ ही बाजार में तेजी आने की धारणा रखता है। असल में उसने शॉर्ट कॉल महज इसलिए दी है क्योंकि वह जांचना चाहता है कि निफ्टी में 5350 पर कोई रुकावट बन रही है या नहीं। उसे खुद लगता है कि अगले 12 महीनों में निफ्टी 7000 तकऔरऔर भी