इतने कम में काम कैसे चला लेते हो भाई! जरूरतें बढ़ाओ और उनको पूरा करने का पुरुषार्थ करो। नहीं तो जिंदगी यूं ही अकारथ चली जाएगी और आप जहां से चले थे, वहीं तक सिकुड़े रह जाएंगे।और भीऔर भी

दुनिया में ऐसा कुछ नहीं जो किसी न किसी को पता न हो या उसे जानने की कोशिश न चल रही हो। सबको सब पता रहे, जरूरी नहीं। लेकिन ज़िंदगी का दायरा जितना बड़ा हो, उतना तो जानना जरूरी है।और भीऔर भी