जो दिखता है, वह सच नहीं और जो सच है, वह तब तक नहीं दिखता जब तक कोई घोटाला न जाए। सच की ऐसी परदादारी देख किसी का भी विश्वास टूट सकता है। सोचिए, मार्च 2019 के अंत तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का सकल एनपीए 3.76 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 2.19 प्रतिशत रहा था, जबकि इसी दौरान देश से सबसे बड़े बैंक एसबीआई का सकल एनपीए 7.53 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 3.01 प्रतिशत था।औरऔर भी

शेयर बाज़ार बढ़ता है। सेंसेक्स और निफ्टी बढ़ते हैं। लेकिन रिटेल निवेशक जहां भी हाथ डाले, घाटा ही खाता है। क्यों? इसलिए कि वो निवेश की अपनी कोई पद्धति या अनुशासन नहीं पकड़ता। बस, औरों की सुनता है। डिविडेंड डार्लिंग में बताते हैं कि चंबल फर्टिलाइजर्स का डिविडेंड यील्ड 5.26% है। नहीं बताते कि यह स्टॉक पांच सालों में 29 से 36 तक ही पहुंचा है। 4.4% का सालाना रिटर्न! दरअसल, मुनाफे के दो अहम पहलू हैं…औरऔर भी

मित्रों! बड़े विनम्र अंदाज में आज से वापसी कर रहा हूं। कोई शोर-शराबा नहीं। कोई धूम-धड़ाका नहीं। दूसरों के कहे शेयरों को आंख मूंदकर आपको बताने की गलती अतीत में हमसे जरूर हुई है। सूर्यचक्र पावर इसका आदर्श नमूना है। लेकिन जहां भी औरों की सलाह को सोच-समझ कर पेश किया, वहां आपका फायदा ही हुआ है। जैसे, ठीक साल भर पहले हमने अपोलो हॉस्पिटल्स में निवेश की सलाह थी। तब वो शेयर 455.65 रुपए था औरऔरऔर भी

जैन इरिगेशन सिस्टम्स ड्रिप व स्प्रिंकल सिंचाई उपकरणों के अलावा पीवीसी, पोलि इथिलीन व पॉलि प्रोपिलीन पाइप सिस्टम, प्लास्टिक शीट, डिहाइड्रेटेड प्याज व सब्जियां, टिश्यू कल्चर, बायो फर्टिलाइजर, सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम और सोलर फोटो वोल्टिक उपकरण भी बनाती है। वह फसलों के चयन से लेकर बंजर व असिंचित भूमि के समुचित उपयोग से जुड़ी सलाहकार सेवाएं भी देती है। राजस्थान से निकलकर महाराष्ट्र के जलगांव में बसे जैन परिवार ने व्यापार से शुरू कर ईंट-दर-ईंट इसऔरऔर भी

सच कहूं तो लोगों से आशा ही छोड़ दी है कि हमारी सरकार शेयर बाजार के लिए कुछ कर सकती है। इसलिए ज्यादातर निवेशक भारतीय पूंजी बाजार से निकल चुके हैं और पूरा मैदान विदेशी निवेशकों के लिए खाली छोड़ दिया है। बदला सिस्टम खत्म करने के बाद 2001 में ही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने डेरिवेटिव सौदों में फिजिकल सेटलमेंट की जरूरत जताई थी। लेकिन दस साल बीत चुके हैं। सेबी फैसला भी कर चुकी है।औरऔर भी

रिजर्व बैंक एक तरफ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सेहत को लेकर परेशान है, वहीं हमारे बैंक इस क्षेत्र को जमकर कर्ज रहे हैं। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के वाणिज्यिक बैंकों ने जुलाई 2011 में एनबीएफसी को पिछली जुलाई की तुलना में 55.6 फीसदी ज्यादा कर्ज दिया है, जबकि पिछली बार इस क्षेत्र को दिए गए कर्ज में वृद्धि केवल 10.9 फीसदी थी। एनबीएफसी को दिए गए बैंक ऋण की मात्रा इस समयऔरऔर भी

अगर रिजर्व बैंक की पूर्व डिप्टी गवर्नर ऊषा थोराट की अध्यक्षता में बने कार्यदल की सिफारिशों का मान लिया गया तो गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को पूंजी बाजार (प्राइमरी + शेयर बाजार) में दिए गए ऋण के लिए 150 फीसदी और कमर्शियल रीयल एस्टेट को दिए ऋण के लिए 125 फीसदी प्रावधान करना होगा। अभी इन दोनों ही ऋणों पर इन्हें 100 फीसदी प्रावधान करना पड़ता है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को इस कार्यदल की रिपोर्टऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने निजी कंपनियों या उद्योग समूहों को बैंक खोलने की इजाजत देने की तैयारी कर ली है। लेकिन अगर किसी भी कंपनी या समूह की आय या आस्तियों का 10 फीसदी या इससे ज्यादा हिस्सा रीयल एस्टेट या ब्रोकिंग के धंधे से आता है तो उसे बैंक खोलने की इजाजत नहीं होगी। रिजर्व बैंक ने सोमवार को निजी क्षेत्र को नए बैंकों को लाइसेंस देने के लिए जारी प्रारूप दिशानिर्देशों में यह प्रावधान किया है।औरऔर भी

भारतीय बाजार ने दिखा दिया है कि यहां एक तरफ बहुत-सी कंपनियां मुश्किल में हैं और अपना धंधा बेचने को तैयार हैं, वहीं दूसरी तरफ बहुत-सी कंपनियां इस कदर संभावनाओं से भरी हैं कि उन्हें खरीदनेवालों की लाइन लगी है। ऑफिस स्टेशनरी बनानेवाली कैमलिन अपनी 50.3 फीसदी इक्विटी जापानी कंपनी कोकुयो को 365 करोड़ रुपए में बेचने में कामयाब हो गई। इससे पहले कनोरिया केमिकल्स अपना एक डिवीजन आदित्य बिड़ला समूह को बेच चुकी है। अब सबेरोऔरऔर भी

सेटलमेंट के चक्र के अंत में एक बार फिर बाजार में निराशा का आलम है। निफ्टी सुबह खुलने के कुछ देर बाद ही 5804 तक पहुंच गया। फिर 3 बजे तक गिरते-गिरते 5706 तक चला गया। हालांकि आखिरी आधे घंटे में उसमें सुधार देखा गया और यह 5749.50 पर बंद हुआ। लेकिन निफ्टी के जिस 5300 के स्तर को हम काफी पीछे छोड़ आए हैं, अब उसके फिर से वहां तक गिरने की बात हो रही है।औरऔर भी