अमेरिकी सरकार ने भारत-अमेरिका परमाणु करार को लेकर लोकसभा में हुए मतदान के दौरान सामने आए ‘वोट के बदले नोट’ मामले पर विकीलीक्स के खुलासे पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नहीं कह सकता कि यह दस्तावेज गोपनीय है अथवा नहीं, लेकिन अगर यह गोपनीय है तो हम इसके बारे में कुछ नहीं बोलेंगे।’’ विकीलीक्स के खुलासे के बाद भारत में जारीऔरऔर भी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर कैग की रिपोर्ट को गलत बताने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह ‘अनुचित’ है और उनके ‘लापरवाही से भरे’ दृष्टिकोण को दर्शाता है। जोशी ने कहा कि दूरसंचार सचिव आर चंद्रशेखर पीएसी के समक्ष उपस्थित हुए, लेकिन कभी भी कैग (सीएजी) के स्पेक्ट्रम आवंटन मेंऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हफ्ते भर पहले की गई अपनी पेशकश को अमली जामा पहनाते हुए सोमवार को बाकायदा लोक लेखा समिति (पीएसी) को एक पत्र भेजकर कहा कि वे 2जी स्पेटक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के सिलसिले में समिति के सामने पेश होने को तैयार हैं। उन्होंने पीएसी के अध्यक्ष और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी को यह पत्र उस दिन भेजा है, जब नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय भी पीएसी के सामने पेशऔरऔर भी

एक तरफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर बीजेपी की अगुआई में विपक्ष संसद से बाहर भी सरकार से भिड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने इस मुद्दे पर विचार और सलाह मांगी है। श्री जोशी ने इस मुद्दे पर सोमवार, 27 दिसंबर को पीएसी की बैठक बुलाई है जिसमें लोगों कीऔरऔर भी

देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे के पूरे सत्र में हंगामे और शोरगुल के अलावा एक भी काम नहीं हुआ। 9 नवंबर से शुरू और 13 दिसंबर को समाप्त हुए शीत्र सत्र ने संसद में गतिरोध का नया रिकॉर्ड बना दिया है। लेकिन सत्तारूढ़ दल विपक्ष की इस मांग को अब भी मानने को तैयार नहीं है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संसदीय समिति (जेपीसी) से कराई जाए। यूपीए सरकारऔरऔर भी