चालू रबी खरीद सीजन में गेहूं खरीद को सुनियोजित तरीके से आगे बढाने के मकसद से सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए 5000 करोड़ रुपए के अल्पकालिक ऋण की मंजूरी दी है। यह ऋण वर्ष 2010-11 की उसकी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरीऔरऔर भी

बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए अल्पकालिक दरों में जो 0.25 फीसदी की वृद्धि की है, उससे होम, ऑटो और कंपनी ऋण पर ब्याज दरों में तत्काल वृद्धि नहीं होगी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एस सी कालिया ने कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि ब्याज दरों में इजाफे का संकेत है लेकिन बैंक जल्दबाजी में दरों में कोई वृद्धि नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याजऔरऔर भी

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की बिक्री चालू वित्त वर्ष 2010-11 की तीसरी तिमाही में मात्र 6 फीसदी बढ़ी है, लेकिन शुद्ध लाभ में 28.1 फीसदी इजाफा हुआ है। शुक्रवार को घोषित नतीजों के अनुसार दिसंबर 2010 की तिमाही में आरआईएल ने एक्साइज समेत कुल 62,399 करोड़ रुपए की बिक्री हासिल की है, जो दिसंबर 2009 की तिमाही की बिक्री 58,848 करोड़ रुपए से 6 फीसदी ज्यादा है। इसऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष 2010-11 में 31 अक्‍टूबर तक के सात महीनों में देश भर में बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा 2,28,884 करोड़ रुपए का कृषि‍ ऋण दि‍या जा चुका है। वि‍त्‍त वर्ष में अभी तीन माह बाकी हैं और पि‍छले दो महीनों के आंकड़ों का संकलन कि‍या जाना है। इस आधार पर कृषि क्षेत्र को 3,75,000 करोड़ रुपए बतौर ऋण देने का लक्ष्‍य पार हो जाने की संभावना है। पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में 3,84,514 करोड़ काऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई का यह सुझाव खारिज कर दिया है कि उसे 2जी स्पेक्ट्रम मामले में अपना फैसला और निर्देश सीलबंद कवर में जारी करना चाहिए। मामले पर गौर कर रही जस्टिस जी एस सिंघवी और ए के गांगुली की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि य़ह फैसला खुली अदालत में आएगा और सीलबंद कवर में आदेश देना न्याय के हित में नहीं होगा। इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि इससे जबरदस्त कयासबाजी शुरूऔरऔर भी

सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए अपने खजाने से 4868 करोड़ रुपए निकालने का निर्णय लिया है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) को भी दी जाएगी। नाबार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों को रीफाइनेंस करता है। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल के इस फैसले से यहऔरऔर भी