रेल मंत्रालय ने तत्काल यात्रा योजना के दुरुपयोग के रोकने के लिए कुछ ठोस उपाय किए हैं जो अगले हफ्ते से लागू हो जाएंगे। इसके तहत अब तत्काल योजना के तहत टिकट ट्रेन अपने मूल स्टेशन से जिस तारीख को शुरू हो रही है, उससे एक दिन पहले मिला करेंगे। मान लीजिए कोई ट्रेन कोलकाता से 18 नवंबर को शुरू हो रही है तो उसका तत्काल टिकट 17 नवंबर को देश में किसी भी जगह से सुबहऔरऔर भी

गूगल ने तय किया है कि वह भारत में इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए छोटे व मध्यम उद्यमों को मुफ्त में वेबसाइट उपलब्ध कराएगा। मुफ्त वेबहोस्टिंग उपलब्ध कराने में होस्टगेटर गूगल की पार्टनर का काम करेगी। आप सभी जानते ही हैं कि गूगल इस समय सर्च व ई-मेल से लेकर इंटरनेट पर विभिन्न सेवाओं की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। यहां तक कि सर्च करने के लिए लोग गूगल करना कहने लगेऔरऔर भी

30 जून 2011 तक देश के 6,01,625 गांवों में से 1,69,201 यानी 28 फीसदी से ज्यादा गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। भारत निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को साल 2012 तक ब्रॉडबैंड से जोड़ देने का है। अभी तक इनमें से 1,33,712 पंचायतों तक ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाई जा चुकी है। साथ ही ग्रामीण वायरलेस ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत 2,88,454 ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिए गए हैं। सरकारी कंपनीऔरऔर भी

इंटरनेट के इस दौर ने जहां डाक पर लोगों की निर्भरता कम की है, वहीं डाक कर्मियों को शिकायत है कि अब उन्हें काम करने में न तो लोगों से पहले जैसी आत्मीयता मिलती है और न ही किसी तरह का आनंद। सब कुछ यंत्रवत हो गया है। पिछले 21 साल से डाक बांटने वाले पोस्टमैन रघुनंदन गुप्ता ने बताया ‘‘पहले की बात और थी। लोगों को अपनी चिट्ठी का इंतजार रहता था। हम डाक लेकर जातेऔरऔर भी

अमेरिका में आबादी के लिहाज 12वें सबसे बड़े शहर सैन फ्रांसिस्को में सोमवार (15 नवंबर) से तीन दिन का वेब 2.0 सम्मेलन शुरू हो रहा है जिसमें इंटरनेट उद्योग के दर्जनों महारथी शिरकत करेंगे। लेकिन इसमें सबसे खास हैं फेसबुक के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क ज़ुकरबर्ग और गूगल के प्रमुख एरिक श्मिड। माना जा रहा है कि इन दो महारथियों की टक्कर इस सम्मेलन के मंच पर नया गुल खिला सकती है क्योंकि दोनों ही नई पीढ़ी कीऔरऔर भी

दुनिया में इस समय 500 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर हैं, जबकि इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 180 करोड़ से ज्यादा है। इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशंस यूनियन (आईटीयू) का आकलन है कि 2015 तक दुनिया की आधी आबादी तक ब्रॉडबैंड की पहुंच होगी। चीन में अभी 36.40 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं, जबकि भारत में इनकी संख्या केवल 90 लाख है। इंटरनेट भाषाओं के बंधन भी तोड़ रहा है। 1996 में इंटरनेट इस्तेमाल करनेवाले 80 फीसदी लोग अंग्रेजी भाषी थे। 2007 तक यहऔरऔर भी

देश के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का सक्रिय इस्तेमाल करनेवालों की संख्या चालू वर्ष 2010 के अंत तक 54 लाख हो जाएगी। यह 2009 के सक्रिय इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 42 लाख से 28.6 फीसदी अधिक होगी। यह अनुमान है इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और मार्केट रिसर्च फर्म, आईएमआरबी की संयुक्त अध्ययन रिपोर्ट का। रिपोर्ट से पता चला है कि इस समय गांवों के 16 फीसदी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल ऑनलाइन समाचार पढ़ने केऔरऔर भी

बीमा कंपनियां दुनिया भर में अगले तीन सालों में मोबाइल और इंटरनेट पर अपनी मार्केटिंग पर 8.4 करोड़ डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपए) खर्च करेंगी। यह निष्कर्ष है आईटी सलाहकार कंपनी एक्सेंचर के ताजा सर्वे का। कंपनी ने इस सर्वे में तमाम देशों की 125 बड़ी बीमा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। इनमें अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका व एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ ही भारत की भी बीमा कंपनियां शामिल थीं। सर्वे का कहना है कि बीमाऔरऔर भी