प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन की निराशाजनक रफ्तार को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के औद्योगिक वृद्धि के अनुमान की समीक्षा करनी होगी। उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर मात्र 3.3 फीसदी रह गई है। परिषद के चेयरमैन ने सोमवार को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा जारी होने के बाद कहा कि पूरे साल के औद्योगिक उत्पादन के अनुमान के संबंधऔरऔर भी

कहां तो विश्लेषक मानकर चल रहे थे कि मई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 16 फीसदी बढ़ेगा और कहां असल में यह 11.5 फीसदी ही बढ़ा है। यह पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। लेकिन इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त सचिव अशोक चावला का कहना है कि किसी को भी यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि औद्योगिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर लंबे समय तक असामान्य दरों पर बढ़ता रहेगा। इसके सामने क्षमता की सीमाएं हैं।औरऔर भी

देश में औद्योगिक उत्पादन की दर लगातार छह महीनों से दहाई अंकों में बनी हुई है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2010 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 13.5 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है। पूरे वित्त वर्ष 2009-10 की बात करें तो आईआईपी की वृद्धि दर 10.4 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष 2008-09 में वैश्विक मंदी के कारण यह दर केवल 2.8 फीसदी रह गई थी। हालांकि मार्च की औद्योगिक वृद्धिऔरऔर भी