मलयेशिया में इलाज के लिए वैकल्पिक दवा के रूप में भारतीय आयुर्वेद काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऐसे में मलयेशिया के विशेषज्ञ चाहते हैं कि भारत मलयेशियाई लोगों के बीच इस परंपरागत दवा की पहुंच बढ़ाने के लिए अपना सहयोग दे। मलयेशिया में चीनी और भारतीय समुदाय में परंपरागत दवाओं की तुलना में परंपरागत चीनी दवाओं (टीसीएम) और भारतीय आयुर्वेद के साथ सिद्ध दवाएं काफी लोकप्रिय हैं। मलयेशियन सोसायटी फॉर कंप्लीमेंटरी मेडिसिन (एमएससीएम) के डॉ. ली चीनऔरऔर भी

प्लेथिको फार्मास्यूटिकल्स जड़ी-बूटी पर आधारित फॉर्मूलेशन, पोषण से जुड़े उत्पाद और एलोपैथिक दवाएं बनाती है। जड़ी-बूटी व पोषण सेगमेंट में उसके प्रमुख ब्रांड हैं ट्राविसिल, माउंटेन हर्ब्स व कोच फॉर्मूला, जबकि एलोपैथिक दवाओं के उसके खास ब्रांड हैं थेरासिल और इफरटैब। लेकिन स्टॉक के लिहाज से इसमें सबसे खास बात यह लगती है कि प्रवर्तक इससे एकदम चिपके हुए हैं। उन्होंने कंपनी की 34.07 करोड़ रुपए की इक्विटी का 87.01 फीसदी अपने पास रख रखा है। एफआईआईऔरऔर भी