रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) फिर कोल इंडिया को पीछे छोड़ बाजार पूंजीकरण में देश की पहले नंबर की कंपनी बन गई। आज उसका बाजार पूंजीकरण 2,50,648 करोड़ रुपए रहा, जबकि कोल इंडिया 2,47,538 करोड़ रुपए पर आ गई। ऊपर से कोल इंडिया को आज एक विदेशी ब्रोकिंग हाउस ने डाउनग्रेड भी कर दिया, जबकि यह अभी तक एफआईआई का सबसे चहेता स्टॉक बना हुआ है। मोटी-सी बात है कि अगर सेंसेक्स में शामिल कंपनियों के लाभार्जन को डाउनग्रेडऔरऔर भी

सारा देश भले ही दोपहर ढाई बजे से मोहाली में भारत-पाकिस्तान के बीच हो रहे विश्व कप क्रिकेट मैच का सेमी फाइनल देखने बैठ गया हो, लेकिन शेयर बाजार के कारोबार पर इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। कारोबारियों ने मैच शुरू होने से पहले ही ज्यादातर सौदे निपटा लिए थे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार आज बुधवार को कैश सेगमेंट में 54,65,699 सौदे हुए जिनमें 73.31 करोड़ शेयरों का लेनदेन हुआ और कुलऔरऔर भी

मैने हाल ही में अखबार में एक लेख पढ़ा जिसमें बताया गया है कि 1.60 लाख करोड़ रुपए के बाजार में महज 250 करोड़ रुपए से किसी भी एफ एंड ओ (फ्यूचर्स व ऑप्शंस) सौदे को नचाया जा सकता है। यह संभव भी लगता है। जरा गौर कीजिए। बाजार में कल तक का ओपन इंटरेस्ट 1.66 लाख करोड़ रुपए का था और इसमें से करीब एक लाख करोड़ रुपए निफ्टी के पुट व कॉल ऑप्शन के हैं।औरऔर भी

बाजार ने तेजी का एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया। सेंसेक्स 20,000 के पार तो निफ्टी 6000 के पार जाकर बंद हुआ। इस मौके पर मैं अपनी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकता। फिर भी आपको चेतावनी देने से खुद को नहीं रोक पा रहा। एक बात जान लें कि जुनून जितना तल्ख होगा, करेक्शन उतना ही गहरा होगा और आपकी पूरी बैलेंस शीट चंद दिनों में साफ हो सकती है। मगर, शॉर्ट सौदे करते वक्तऔरऔर भी

मैंने कल ही आवेगी शेयरों से बचने की सलाह दी थी। आईएफसीआई आज इसका पहला शिकार हो गया। सरकार ने कहा है कि वो इससे लिए बांडों को इक्विटी में बदल देगी। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार को आईएफसीआई के 52 करोड़ अतिरिक्त शेयर मिल जाएंगे। 520 करोड़ रुपए का यह निवेश इसकी 737.84 करोड़ रुपए की मौजूदा इक्विटी का लगभग 70 फीसदी है। जाहिर है कि इक्विटी बढ़ जाने के बाद कंपनी का मूल्यांकन अभीऔरऔर भी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने छह और कंपनियों को अपने फ्यूचर्स व ऑप्शंस (एफ एंड ओ) सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए शामिल कर लिया है। ये कंपनियां हैं एक्साइड, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, जिंदल साउथवेस्ट होल्डिंग्स, रुचि सोया, शोभा डेवलपर्स और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज। अभी तक एनएसई के एफ एंड ओ सेगमेंट में 190 कंपनियों के डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग होती रही है। अब इनकी संख्या बढ़कर 196 हो जाएगी। एनएसई ने अभी तक यह नहीं बताया कि छहऔरऔर भी

एशियाई बाजारों की चाल से कदम से मिलाते हुए बीएसई सेंसेक्स 17644 अंक पर बंद हुआ। अमेरिका में बेरोजगारी के नए आंकड़ों ने शुभ संकेत दिए हैं। इसका वहां के बाजार के साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर अच्छा असर पड़ा है। हालांकि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफ एंड ओ) के नए सेटलमेंट के पहले दिन नई खरीद हुई है। लेकिन वित्त वर्ष का आखिरी दौर होने के कारण कारोबार या वॉल्यूम का स्तर कमजोर ही बनाऔरऔर भी