आरआईएल व बैंकिंग शेयरों से रहें दूर

मैंने कल ही आवेगी शेयरों से बचने की सलाह दी थी। आईएफसीआई आज इसका पहला शिकार हो गया। सरकार ने कहा है कि वो इससे लिए बांडों को इक्विटी में बदल देगी। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार को आईएफसीआई के 52 करोड़ अतिरिक्त शेयर मिल जाएंगे। 520 करोड़ रुपए का यह निवेश इसकी 737.84 करोड़ रुपए की मौजूदा इक्विटी का लगभग 70 फीसदी है। जाहिर है कि इक्विटी बढ़ जाने के बाद कंपनी का मूल्यांकन अभी जितना कतई नहीं रहेगा। हमारे विश्लेषण के बाद यह शेयर तकरीबन 10 फीसदी तक गिर गया, हालांकि बंद हुआ 5.52 फीसदी की गिरावट के साथ 59 रुपए पर।

सरकार के पास इस समय आईएफसीआई का कोई शेयर नहीं है। 52 करोड़ शेयर मिलने पर कंपनी में उसकी इक्विटी हिस्सेदारी 41 फीसदी से थोड़ी ज्यादा हो जाएगी। दिक्कत यह है कि सरकार हवा से अपने लिए कुछ आस्तियां पैदा करना चाहती है। लेकिन बाजार कम से कम छोटी अवधि में उसकी इस मंशा पर कोई रहम नहीं दिखाएगा। वैसे, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि सरकार के अधिकारी अपने फैसले पर कायम रहेंगे या अगले हफ्ते की शुरुआत में ही अपना बयान बदल देंगे क्योंकि इस शेयर में कुछ ऐसे लोगों ने पैसा डाल रखा है जो राजनीति से तगड़ी पहुंच रखते हैं।

इस बात की भारी गुंजाइश है कि बाजार (निफ्टी) गिरकर 5200 तक चला जाएगा क्योंकि किसी भी ऑपरेटर ने पैसे नहीं बनाए हैं और वे काफी हताश हो चले हैं। केवल इसी वजह से मैंने केवल रक्षात्मक किस्म के स्टॉक्स में बने रहने की सलाह दी थी। एचडीआईएल और भारती के अलावा निवेश के लिए सुझाए गए हमारे सारे शेयर इसी तरह के रक्षात्मक श्रेणी के हैं। यहां भी आपको सावधानी बरतनी होगी कि ज्यादा उधार का चक्कर न हो और आप किसी एक दिन में तीन से चार से ज्यादा शेयरों में लांग (खरीदने को आतुर) न रहें। इंडिया सीमेंट, इस्पात, मारुति व एस्सार ऑयल में गिरावट होगी भी तो एक सीमा तक। इस समय आप आरआईएल, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के शेयरों से दूर ही रहें क्योंकि फिलहाल ये ओवरबॉट स्थिति में हैं यानी इनमें जमकर खरीद हो चुकी है और आगे बिकवाली हो सकती है।

हो सकता है कि हम जिस करेक्शन की आशंका जता रहे हैं, वह हो ही नहीं। लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए। हालांकि ऑपरेटर थक चुके हैं, एफआईआई तेजी की धारणा में हैं और निफ्टी में लांग (खरीद) हैं। इसलिए ये सभी बाजार को उठाएंगे। फिर, किसी बड़ी गिरावट का कोई कारक भी नहीं दिखता। ऐसे में आप हाथ पर हाथ धरे नहीं रह सकते। मेरा सुझाव है कि आप एफ एंड ओ (फ्चूयर्स एंड ऑप्शंस) के सौदों को देखते रहें और बी ग्रुप के शेयरों में खरीद करें। अगर एफ एंड ओ के लिए आपको कोई एक स्टॉक चुनना है तो मैं इस्पात इंडस्ट्रीज की सिफारिश करूंगा जिसमें गिरने की आशंका तो 5 फीसदी तक है, लेकिन अगले 12 महीनों में बढ़ने की संभावना 200 फीसदी है। इसलिए छह महीने के मासिक रोलओवर पर अपना दिमाग लगाएं और देखें कि आपको कितना फायदा मिलता है।

फ्यूचर सौदों के नियम छोटे-मोटे फायदे के लिए कैश शेयरों की ट्रेडिंग पर न आजमाएं, नहीं तो आप बड़े फायदे से चूक जाएंगे। बेहतर होगा कि आप लंबे समय के लिए खरीदें और निवेश के बढ़ने का इंतजार करें। बाजार में ऊपर-नीचे तो होता रहेगा। आप अपना निशाना बी ग्रुप के शेयरों पर साधें। लंबे समय की खरीद के लिए इस समय कैम्फर, कैनफिन होम्स, गिलैंडर्स, एसएनएल, विंडसर (पीई-6) और धामपुर स्पेशियलिटी केमिकल्स सबसे अच्छे स्टॉक हैं।

किसी व्यक्ति, सरकार और यहां तक कि भगवान में भी दोष निकालना आसान है, बनिस्बत इसके कि हम उनका सही मूल्य और महत्व समझें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

1 Comment

  1. Since 2008 u guys r recom Ispat Ind , which appears to be dirty duds , i hope u hv some vested int that is why u r recomm this bloody time & again , just a few days back u have asked not to invest as the management is very” Kados”. Now what happened if the management has changed in just few days ????
    Why do’nt u find the story behind Tide Water, Orrisa Mineral, Andrew Yule, scooters India,Titan Ind, which r hidden star.
    Please bring quality only quality on your recomm only./

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