नाचता है डेरिवेटिव सौदों का पहाड़

मैने हाल ही में अखबार में एक लेख पढ़ा जिसमें बताया गया है कि 1.60 लाख करोड़ रुपए के बाजार में महज 250 करोड़ रुपए से किसी भी एफ एंड ओ (फ्यूचर्स व ऑप्शंस) सौदे को नचाया जा सकता है। यह संभव भी लगता है। जरा गौर कीजिए। बाजार में कल तक का ओपन इंटरेस्ट 1.66 लाख करोड़ रुपए का था और इसमें से करीब एक लाख करोड़ रुपए निफ्टी के पुट व कॉल ऑप्शन के हैं। ये एक लाख करोड़ रुपए अनुबंध की रकम को दर्शाते हैं, जबकि इसमें जोखिम पर लगी राशि 1000 करोड़ रुपए से भी थोड़ी कम है। 58,000 करोड़ रुपए पुट ऑप्शन के हुए और बाकी कॉल ऑप्शन के। इसमे से शुद्ध रूप से लगी रकम मात्र 10,000 करोड़ रुपए हो सकती है। आप एक तरफ 2 फीसदी की प्रीमियम चुकाते हो और दूसरी तरफ से 1.5 फीसदी प्रीमियम कमा लेते हो। इसलिए जोखिम कहां है और भारी-भरकम राशि कहां लग रही है?

इस तरह सही अर्थों में बाजार 60,000 करोड़ रुपए का है, न कि 1.60 लाख करोड़ रुपए का है। इस बाजार को उसी तरह आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है जिस तरह ऑपरेटर कैश सेगमेंट को नियंत्रित करते हैं। इसलिए आईबी रिपोर्ट में दर्ज इस बात पर किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि एक ऑपरेटर हिंडाल्को के शेयर भावों में उठापटक करने की योजना बना रहा था।

शेयर बाजार की मौजूदा व्यवस्था के लिए मुख्य रूप दो चीजें दोषी हैं। एक, कैश बाजार का कमोबेश खत्म हो जाना और दो, मूल्य तलाशने की अच्छी बाजार संचालित प्रणाली का अभाव। यही कारण है कि मैं आपको हमेशा एफ एंड ओ ट्रेडिंग से बचने की सलाह देता रहा हूं। फिर भी आप इसमें ट्रेड करते हैं तो दूसरे पर काहे दोष मढ़ते हैं? इससे अच्छा है झंडू बाम खरीद लीजिए। वह आपके काफी काम आएगा।

डेरिवेटिव सेटलमेंट के आखिरी दिन दो निफ्टी में शॉर्ट कवरिंग के लिए बहुत मायने रखते हैं और इससे निफ्टी 6150 तक जा सकता है। वैसे, इससे यह अंदेशा भी बनता है कि बाजार शॉर्ट सौदों के टाइम बम पर बैठा हुआ है जो जनवरी 2011 में फट सकता है। मैं मानता हूं कि पूरी संभावना इस बात की है कि एफआईआई के नए आवंटित कोष और पूंजी के प्रवाह से बजट से पहले तक बाजार 2000 अंक बढ़ जाएगा।

निराशा के घटाटोप को भेदने के लिए आशा की एक किरण ही काफी होती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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