बाजार की हालत दुरुस्त हो चली है और एफआईआई ने अच्छे शेयरों को बटोरना शुरू कर दिया है। मीडिया की सुर्खियां भी दिखाती हैं कि हाउसिंग लोन घोटाले या रिश्वतखोरी का मामला अब धीरे-धीरे सम हो रहा है। हालांकि बाजार के लोगों को अब भी समझ में नहीं आया है कि यह गिरावट एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशकों और ऑपरेटरों को ठिकाने लगाने के लिए थी क्योंकि रिटेल ने कोई खास खरीद कर नहीं रखी थी। खरीदऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने एक आदेश जारी कर सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय और उनके तीन सहयोगियों वंदना भार्गव, रविशंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी पर बंदिश लगा दी है कि वे अगले आदेश तक किसी भी प्रपत्र (सिक्यूरिटी) के जरिए पब्लिक से धन जुटाने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई विज्ञापन, प्रॉस्पेक्टस या अन्य दस्तावेज जारी नहीं कर सकते। यह आदेश सेबी के पूर्णकालिक निदेशक के एम अब्राहम ने सहारा समूहऔरऔर भी

जहां देखो, वहीं सलाह देनेवालों का रेला लगा है। एसएमएस व बेवसाइटों से लेकर टीवी चैनल और ब्रोकर तक मुफ्त में सलाह बांट रहे हैं। निवेशक एक है तो सलाह देनेवाले हज़ार हैं। जब हर तरफ शेयर के भावों पर नीचे की तरफ जाते तीर का लाल निशान लगा हो तो पांचवी क्लास का बच्चा भी आपको सलाह दे सकता है। ब्रोकरों की बात मैं समझ सकता हू क्योंकि अगर आप होल्ड करेंगे या बिना मार्क टूऔरऔर भी