लालच चुनौतियों का
कितना अजीब है! संगठन या संस्था में लोगों को लालच देकर रोकना मुश्किल है। पर उनके सामने चुनौतियां पेश कर दो तो वे बड़ी आसानी से रुक जाते हैं। उनके निजी विकास की संभावनाओं के द्वार खोल दो, वे कहीं और जाने का नाम ही नहीं लेंगे।और भीऔर भी
तितली रानी, नहीं सयानी!
यही कोई दोपहर बाद की बेला थी। तितली रानी दो घंटे से कमरे में फंसी हुई थी। लंबी-लंबी कांच की खिड़कियों से उसे रोशनी नजर आती तो बाहर निकलने के लिए वहीं से भागने की कोशिश करती। उसमें नरम, मुलायम, नाजुक पंख पारदर्शी कांच से टकराते और वो नहीं निकल पाती। पूरी मेहनत करती। पंख पूरे ज़ोर से चलाती। लेकिन हर बार वही हश्र क्योंकि जिसे वह खुला द्वार समझ रही थी, बाहर छिटकी हरियाली तक पहुंचनेऔरऔर भी