उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का पहला दौर 55 सीटों पर मतदान के साथ खत्म हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में औसतन 65 फीसदी और शहरी इलाकों में 55 फीसदी का रिकॉर्ड मतदान हुआ है। अभी छह और दौर के मतदान होने हैं। लेकिन पहले दौर में मतदाताओं के मूड से ऐसा आभास मिल रहा है कि प्रदेश में मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी सत्ता में आने जा रही है। 403 में से 202 के बहुमत मेंऔरऔर भी

एक तरफ खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद में रखने की तैयारी हो चुकी है, दूसरी तरफ खाद्यान्नों की खरीद व रखरखाव की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने स्वीकार किया है कि अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2011 तक के दस सालों में विभिन्न वजहों से 7.42 लाख टन अनाज बरबाद हो गया है। इस अनाज की कीमत 330.71 करोड़ रुपए आंकी गई है। एफसीआई ने सूचना का अधिकार कानून के तहत सामाजिक कार्यकर्ताऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया है कि सूचना अधिकार कानून में कोई ढील नहीं दी जाएगी। सरकार पारदर्शिता के लिए सूचना के अधिकार को और अधिक कारगर हथियार बनाना चाहती है लेकिन वह कुछ चिंताओं पर ध्यान देने के लिहाज से उसकी गहन समीक्षा भी करना चाहती है। गौरतलब है कि सरकारी महकमे के कुछ लोग और केंद्रीय मंत्री तक इस पारदर्शिता कानून में संशोधन की मांग करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि यहऔरऔर भी

केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कहा है कि संसदीय समितियों की सिफारिशों को ‘अनिश्चित काल’ तक के लिए देश के नागरिकों की पहुंच से दूर नहीं रखा जा सकता, भले ही उन्हें सदन में पेश नहीं किया गया हो। मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने राज्यसभा सचिवालय को सूचना के अधिकार पर अमल को लेकर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का खुलासा करने का निर्देश देते हुए यह फैसला सुनाया है। इन सिफारिशों को तीन साल बीतनेऔरऔर भी

जो बात आप में से बहुतों ने नोट करने के बावजूद अनदेखी कर दी होगी, वो अब केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की भी नजर में आ गई है और वह इसके प्रति काफी गंभीर है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बहुतेरी शाखाओं में तय सीमा वाले प्रीमियम की रसीदों पर रेवेन्यू स्टैम्प या रसीदी टिकट नहीं लगाया जाता जिससे सरकारी खजाने को हर साल भारी नुकसान हो रहा है। बताऔरऔर भी

संसद की उच्च सदन की आचार समिति ने कहा है कि राज्यसभा के सदस्यों की आस्तियों और धन का ब्यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। समिति ने हालांकि कहा है कि कोई भी व्यक्ति संसद सदस्यों की परिसम्पत्तियों और देनदारियों के बारे में सम्पत्ति और देनदारी नियम, 2004 के तहत राज्यसभा के सभापति से लिखित में अनुमति लेकर जानकारी प्राप्त कर सकता है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दी गई जानकारी में राज्यसभाऔरऔर भी

सरकारी बैंकों में कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गई सूचना का विभिन्न बैंकों ने अलग अलग नजरिया अपनाते हुए जबाव दिया। कुछ बैंकों ने तो यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मांगी गई सूचना बैंकों में तैयार नहीं की जाती है। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट की एक खबर के अनुसार, कुछ बैंकों ने कहा है कि धोखाधडी से जुड़े आईपीसी की धारा 420 के तहत आनेवालेऔरऔर भी

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के निर्देश के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा काले धन के बारे में जानकारी देने से इनकार किया है। सूचना आयोग की पूर्ण पीठ ने निदेशालय को इस मुद्दे पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा था क्योंकि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय सूचना अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में नहीं आता। लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में जानकारी देना उसकी जिम्मेदारी है। आटीआई कानून कीऔरऔर भी

वित्त वर्ष 2009-10 में कांग्रेस की आय 497 करोड़ रुपए रही है। इसके बाद बीजेपी की आय 220 करोड़ रुपए और बीएसपी की आय 182 करोड़ रुपए रही है। यह जानकारी सूचना अधिकार के तहत हासिल की गई है। इस दौरान सीपीएम की आय 63 करोड़, एनसीपी की आय 40 करोड़, सपा की आय 39 करोड़, आरजेडी की आय चार करोड़ और सीपीआई की आय एक करोड़ रुपए रही है। 2002-03 से 2009-10 के बीच कांग्रेस कीऔरऔर भी

मुम्बईकरों को पानी की परेशानी के बीच सूचना के अधिकार से एक हैरतअंगेज सूचना निकली है कि बृहन्मुम्बई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा कम से कम 18 पानी कंपनियों को उनकी मुनाफाखोरी के लिए लाखों लीटर पानी दिया जा रहा है। एक तरफ जहां शहर के निवासियों के सामने पानी का घनघोर संकट छाया हुआ है वहीं दूसरी तरफ इन 18 कंपनियों को हर रोज 8,10,000 लीटर पानी दिया जा रहा है और बदले में उनसे पूरे सालऔरऔर भी