जिस तरह ज्यादातर कंपनियों के आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) कुछ ही समय बाद अपने इश्यू मूल्य से बहुत नीचे खिसक जाते हैं और लिस्टिंग के दिन में उनमे जबरदस्त ऊंच-नीच होती है, उसने पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को आखिरकार कुछ ठोस कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। सेबी ने आईपीओ के मूल्य में मर्चेंट बैंकरों की जवाबदेही तय करने के लिए उनके द्वारा संचालित पुराने आईपीओ का हाल बताना जरूरी कर दिया है। इस सिलसिले मेंऔरऔर भी

स्टॉक एक्सचेंजों को दिन में कारोबार की समाप्ति पर निवेशकों को उनके नाम पर किए गए सौदे की जानकारी एसएमएस या ई-मेल से भेज देनी होगी। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने मंगलवार को सभी स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे गए एक सर्कुलर में यह हिदायत दी है। उसने कहा है कि यह काम जितना जल्दी से जल्दी हो, शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन किसी भी हालत में इस पर अमल यह सर्कुलर जारी करने की तिथि केऔरऔर भी

शुक्रवार की सुबह-सुबह देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज, बीएसई में कमाल हो गया। टीसीएस का शेयर गुरुवार के बंद भाव 1125.25 रुपए से एकबारगी 20 फीसदी बढ़कर 52 हफ्ते के शिखर 1350.20 रुपए पर जा पहुंचा। फिर अचानक 20 फीसदी का गोता लगाकर 900.25 रुपए पर चला गया। इसी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) एकबारगी 20 फीसदी गिरकर 693.55 रुपए पर पहुंच गया, जो 52 हफ्ते का उसका न्यूनतम स्तर है। फिर पलक झपकते ही 20 फीसदीऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को लघु व मध्यम स्तर की कंपनियों (एसएमई) के लिए अलग एक्सचेंज शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बीएसई के प्रबंध निदेशक व सीईओ मधु कन्नन ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा, “हमें खुशी है कि सेबी से हमें लघु व मध्यम उद्यमों के लिए नया एक्सचेंज शुरू करने का सैद्धांतिक अनुमोदन मिल गया है। यह भारत के निवेशकों को बेहतर उत्पाद वऔरऔर भी

इंटरनेट पर विदेशी मुद्रा या फॉरेक्स में अवैध ट्रेडिंग करानेवाले पोर्टल धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले तक इकनॉमिक टाइम्स से लेकर हिंदू बिजनेसलाइन जैसे तमाम प्रमुख आर्थिक अखबारों की साइट पर आईफॉरेक्स (iForex) जैसी फर्मों के आकर्षक विज्ञापन दिख जाते थे। लेकिन अब वे एक सिरे से गायब हो गए हैं। यह असर है रिजर्व बैंक द्वारा पहले 21 फरवरी और फिर 7 अप्रैल 2011 को जारी चेतावनी का। लेकिन लंबे समय सेऔरऔर भी

अभी पिछले ही हफ्ते शनिवार, 11 फरवरी को बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने जीवन बीमा कंपनियों के एजेंटों के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और आज, 15 फरवरी को इन्हीं दिशार्निदेशों का संबंधित हिस्सा साधारण या गैर-जीवन बीमा एजेंटों पर भी लागू कर दिया। नए दिशानिर्देश 1 जुलाई 1011 से लागू होंगे। इनके अनुसार साधारण या जीवन बीमा कंपनी के कर्मचारी का कोई भी नाते-रिश्तेदार उस कंपनी का बीमा एजेंट नहीं बन सकता। नाते-रिश्तेदारऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था ने तय किया है कि म्यूचुअल फंडों की लिक्विड स्कीमों (छोटी अवधि की ऋण स्कीमों) के खाते में जब तक निवेश की पूरी रकम नहीं आ जाती है, तब तक उसके एवज में यूनिटें नहीं जारी की जा सकती हैं। अभी तक होता यह है कि दिन में नियत समय तक पैसा आए या न आए, म्यूचुअल फंड इन स्कीमों के निवेशकों के नाम यूनिटें आवंटित कर देते हैं। वे इस भरोसे परऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने 27 अगस्त 2007 से ही डीमैट खातों के लिए पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) को अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अब भी बहुत सारे निवेशक हैं जिन्होंने अपने डीमैट खातों के डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के पास पैन नंबर की पुष्टि नहीं कराई है। इसके लिए उन्हें पैन कार्ड की फोटोकॉपी वगैरह देनी थी। अभी तक पैन वेरिफिकेशन न करानेवाले निवेशक अपने खाते से कुछ डेबिट नहीं सकते थे। लेकिन सेबी ने अबऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने शेयर बाजार में 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र शुरू करने का फैसला किया है। यह प्री-ओपन सत्र 9 बजे से 9.15 बजे तक होगा। इसे अभी बीएसई और एनएसई में प्रायोगिक स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल शेयरों से किया जाएगा। वैसे, इसमें कुल 50 कंपनियों के ही शेयर हैं क्योंकि सेंसेक्स के 30 शेयर निफ्टी के 50 शेयरों के सेट के सब-सेट ही हैं। सेबी ने प्री-ओपन सत्र मेंऔरऔर भी