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निफ्टी की दशा-दिशा: शुक्रवार 29 सितंबर 2023 अंतिम रुख↑ शाम 3.30 बजे

 

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समय

end as beginning

शुरुआत अंत बदलने की

2019-05-15
By: अनिल रघुराज
On: May 15, 2019
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

weathered

थपकियों से बना स्वरूप

2018-03-14
By: अनिल रघुराज
On: March 14, 2018
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

extreme

संयम और सीमा का महत्व

2017-11-12
By: अनिल रघुराज
On: November 12, 2017
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

time rules

अनंत सत्ता समय की

2014-11-02
By: अनिल रघुराज
On: November 2, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

patience

अमृत का सब्र

2014-10-08
By: अनिल रघुराज
On: October 8, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

solutions beyond

समय के पार समाधान

2014-04-03
By: अनिल रघुराज
On: April 3, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

weightlessness of time

समय भारी क्यों!

2014-02-19
By: अनिल रघुराज
On: February 19, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

ram

हर पल नया राम

2013-04-19
By: अनिल रघुराज
On: April 19, 2013
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

keep changing

बदलते रहो!

2013-02-15
By: अनिल रघुराज
On: February 15, 2013
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

revelry

ऐश या ईश

2012-11-15
By: अनिल रघुराज
On: November 15, 2012
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

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निवेश – तथास्तु

  • अनिश्चितता का दूसरा नाम शेयर बाज़ार
    24 Sep 2023

    तेज़ी पर सवार अपने शेयर बाज़ार के लिए पिछले सात दिन किसी झटके से कम नहीं। सब ठीकठाक, कहीं कोई अनहोनी नहीं। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 19-20 सितंबर को हुई अपनी बैठक में ब्याज दरों को 5.25% से 5.50% की रेंज पर जस का तस रखने का फैसला किया। यह अच्छी खबर थी। फिर भी अपना बाजार गिरता गया। उस शुक्रवार को निफ्टी-50 अब तक के ऐतिहासिक शिखर 20,192.35 पर था, जबकि इस शुक्रवार […]

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क्या आप जानते हैं?

  • हमारी आंखें बैक्टीरिया के जीन की देन!

    इंसान से लेकर हाथी, घोड़ा, गाय-बैल, सांप, छिपकली, मेढक, मगरमच्छ व चिड़ियों तक धरती पर जितने भी 69,963 किस्म के रीढ़वाले या कशेरुकी (vertebrates) जीव-जन्तु हैं, उन्होंने देखने की क्षमता वाली अपनी आंखें एक बैक्टीरिया के जीन से हासिल की है। यह सच अप्रैल 2023 में पीएनएएस (प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) की …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

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हमारी आंखें बैक्टीरिया के जीन की देन!

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