गरवारे-वॉल रोप्स पुणे की कंपनी है। 1976 में बनी अच्छी और बाजार की मांग से जुड़ी टेक्सटाइल कंपनी है। कंपनी औद्योगिक इस्तेमाल वाले तरह-तरह के नेट व रोप्स बनाती है। अमेरिकी की फर्म वॉल इंडस्ट्रीज के साथ उसका गठबंधन है। हालांकि कंपनी की 23.71 करोड़ रुपए की इक्विटी में अमेरिकी फर्म का हिस्सा महज 0.02 फीसदी (3505 शेयर) है। भारतीय प्रवर्तक आर बी गरवारे की इक्विटी हिस्सेदारी 46.49 फीसदी है। कंपनी में एफआईआई का निवेश 4.48 फीसदीऔरऔर भी

डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स के 1,79,911 शेयर (0.07 फीसदी इक्विटी) एलआईसी ने 26 अप्रैल 2010 को खरीदे थे। उस दिन बीएसई में इसका बंद भाव 153.50 रुपए था। उसके बाद से बीते शुक्रवार 2 जुलाई 2010 तक यह 20 फीसदी गिरकर 122.40 रुपए पर आ चुका है। जाहिर-सी बात है कि एलआईसी दूरगामी संभावनाओं के आधार पर निवेश करता है और अगर उसे डेक्कन क्रॉनिकल में 153.50 पर संभावना दिख रही थी तो हमारे लिए 122.40 रुपए केऔरऔर भी

ज्यादातर उस्ताद यही कह रहे हैं कि बाजार आज शुक्रवार को भारी बिकवाली का शिकार हो गया। लेकिन हम इससे सहमत नहीं हैं। हमारा तो कहना है कि जब सारी दुनिया से बुरी खबरें आ रही थीं, तब भी बाजार (निफ्टी) ने खुद को 5240 अंक पर टिकाए रखा। अगले हफ्ते मेटल सेक्टर के शेयर स्टार परफॉर्मर होंगे। चाहे जो भी हो जाए, मेटल शेयरों में जल्दी ही कम से कम 25 फीसदी बढ़त होनी तय है।औरऔर भी

एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स में आज सुबह से ही बढ़त का सिलसिला जारी है। खबर लिखे जाने तक इसका 2 रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई में 3.14 फीसदी बढ़कर 68.90 रुपए और एनएसई में 3.15 फीसदी बढ़कर 68.70 रुपए पर पहुंच गया था। असल में इसे भारतीय सेना से 500 करोड़ रुपए का लाइफटाइम ऑर्डर मिला है। इसकी आधिकारिक घोषणा आज शाम तक होने की उम्मीद है। साथ ही कंपनी में एल एंड टी कैपिटल अपनी इक्विटीऔरऔर भी

अगर पी/ई अनुपात के लिहाज से देखें तो आइडिया सेलुलर देश की लिस्टेड टेलिकॉम कंपनियों में भारती एयरटेल के बाद सबसे सस्ता शेयर है। 2009-10 में इसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.39 रुपए रहा है और इसका शेयर सोमवार को बीएसई में 3.80 फीसदी बढ़कर 58.70 रुपए और एनएसई में 3.45 फीसदी बढ़कर 58.50 रुपए पर बंद हुआ है। इसका पी/ई अनुपात 17.16, भारती एयरटेल का 8.32 और रिलायंस कम्युनिकेशंस का 86.83 है। आइडिया का परिचालन लाभऔरऔर भी

ऊपर-ऊपर से देखें तो दीपक सिंहानिया की कंपनी एलएमएल में अभी बहुत कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। लेकिन अंदर-अंदर उसमें बड़ी लहर बन रही है। एक तो उसे इटली और मिस्र से स्कूटरों का बड़ा ऑर्डर मिला है। दूसरे महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ संयुक्त उद्यम बनने की संभावनाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। इन दोनों ही चर्चाओं ने इसके शेयर में जबरदस्त हलचल पैदा की है। शुक्रवार की बीएसई में इसके 17.81औरऔर भी

गिरावट का आखिरी दौर अब निपट रहा है। इसके बाद निफ्टी कभी भी 5000 का स्तर नहीं छू सकता है। अब निफ्टी के 7000 तक पहुंचने की यात्रा शुरू हो चुकी है। अभी की गिरावट की बडी वजह रोलओवर है। क्या करें रोलओवर की अपनी अहमियत है और उससे गुजरने की अपनी तकलीफ भी। सब पाने के चक्कर में कुछ भी नहीं मिलता। इसलिए मेरा कहना है कि हमें बी ग्रुप के शेयरों पर केंद्रित करना चाहिएऔरऔर भी

जिंदगी में पहले से ही सब कुछ पता हो तो वह कितनी बोरिंग हो जाएगी? फिर भी हम कल क्या होनेवाला है, इसका पता लगाने में जुटे रहते हैं। यही हाल शेयर बाजार का है। पारदर्शिता कितनी भी बढ़ जाए, पहले से सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि कल ठीक-ठीक क्या होनेवाला है, कौन-से शेयर बढ़ेंगे, कौन-से गिरेंगे। जानने की इच्छा के बीच अज्ञात का थ्रिल। इसी भाव से शेयर बाजार को देखिए। अच्छा लगेगा। आज केऔरऔर भी

जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर का एक रुपए का शेयर अभी बीएसई में 55.35 रुपए और एनएसई में 55.40 रुपए चल रहा है। वित्त वर्ष 2009-10 के नतीजों के मुताबिक उसकी प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) महज 4 पैसे है। इस आधार पर उसका पी/ई अनुपात 691.88 निकलता है। फिर भी इसमें तूफान के आसार हैं। एनएसई में कल इसके 30.52 लाख शेयरों में सौदे हुए हैं, जबकि बीएसई में औसत से थोड़ा-सा ज्यादा 4.44 लाख शेयरों में। जानकार बताते हैंऔरऔर भी

हम बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूत स्थिति में है और हम अभी बुल मार्केट या तेजी के दौर से गुजर रहे हैं। इसी दिशा में आज अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फिच ने भारत की रेटिंग बढ़ा दी। बाजार का रुख भी बराबर हमारी सोच की तस्दीक कर रहा है। निफ्टी आज 77.70 अंक की बढ़त के साथ 5197.05 के स्तर पर पहुंच गया। आप खुद ही देख लें कि यह 5200 अंक के एकदमऔरऔर भी