1947 में आजाद हुआ देश और 1947 में ही बनी अतुल लिमिटेड। यह अरविंद मिल्स के लालभाई समूह की कंपनी है। इसके छह बिजनेस डिवीजन हैं – एग्रो केमिकल, एरोमैटिक्स, बल्क केमिकल व इंटरमीडिएट, रंग, फार्मा संबंधी उत्पाद व पॉलिमर और सभी स्वतंत्र रूप से धंधा बढ़ाने में लगे रहते हैं। कंपनी के 36,000 से ज्यादा शेयरधारक हैं। उसके दफ्तर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन व वियतनाम तक में हैं जहां से वह अपने विदेशी ग्राहकों की जरूरतेंऔरऔर भी

निटको कंपनी या ब्रांड के नाम से शायद आप परिचित होंगे। 1953 में बनी कंपनी है और टाइल्स व मार्बल का धंधा करती है। टाइल्स वह मुंबई के बाहर अलीबाग में बनाती है और इटली, स्पेन, चेकोस्लवाकिया व चीन जैसे देशों से आयातित मार्बल की प्रोसेंगिग मुंबई के भीतर कांजुर मार्ग में करती है। कंपनी ने 2009-10 में कुल मिलाकर 8.71 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। लेकिन मार्च 2010 की तिमाही में वह 2.50 करोड़ रुपएऔरऔर भी

मर्क लिमिटेड (बीएसई कोड-500126) का नाम पहले ई. मर्क हुआ करता था। यह बीएसई के साथ-साथ एनएसई में भी लिस्टेड है। फार्मा और केमिकल उद्योग की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इस समूह की मौजूदगी दुनिया के 64 देशों में है। मूल कंपनी जर्मनी की है जिसने सारे यूरोपीय संकट के बीच भी जून 2010 की तिमाही में 18.34 करोड़ यूरो का शुद्ध लाभ कमाया है जो पिछले साल की समान अवधि के शुद्ध लाभ 10.85 करोड़ यूरो सेऔरऔर भी

दुनिया के जानेमाने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश में लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र फाइनेंशियल टाइम्स की एक ताजा खबर के मुताबिक सोरोस बीएसई में दुबई होल्डिंग्स की 4 फीसदी इक्विटी खरीदेंगे। इसके लिए वे 4 करोड़ डॉलर देने को तैयार हैं। इस आधार पर बीएसई का मूल्यांकन 100 करोड़ डॉलर का निकलता है। सेबी के नियमों के मुताबिक कोई एक विदेशी निवेशक देश केऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहली तिमाही के नतीजे उम्मीद से थोड़े बेहतर रहे हैं। विश्लेषकों ने जून में खत्म तिमाही में शुद्ध लाभ का अनुमान 4830 करोड़ रुपए लगाया था, लेकिन कंपनी ने 4851 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के शुद्ध लाभ 3666 करोड़ रुपए से 32.32 फीसदी अधिक है। इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 32,441 करोड़ रुपए से 88.05 फीसदी बढ़करऔरऔर भी

कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स का शेयर केवल बीएसई में लिस्टेड है। शुक्रवार को यह 12.18 फीसदी बढ़कर 128.95 रुपए पर बंद हुआ और इसमें कारोबार भी औसत से बहुत ज्यादा हुआ। जहां पिछले दो हफ्तों का औसत 33,000 शेयरों का रहा है, वहीं शुक्रवार को इसमें 2.33 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। इसके पीछे की वजह यह है कि कंपनी के बारे में कोई बड़ी खबर आने को है। जानकार बताते हैं कि इस शेयर में अभीऔरऔर भी

सुबह लिखते समय हमें भी इतनी उम्मीद नहीं थी। लेकिन दोपहर के करीब 1 बजे थे और ऋद्धि सिद्धि ग्लूको बिऑल्स का शेयर 20 फीसदी बढ़कर जैसे ही 338.75 रुपए पर पहुंचा, उस पर सर्किट ब्रेकर लग गया और इसमें बाकी दिन के लिए कारोबार रुक गया। लेकिन तब तक उसमें 6.34 लाख शेयरों की ट्रेडिंग हो चुकी थी, जबकि पिछले दो हफ्तों का औसत कारोबार 90,000 शेयरों का ही रहा है। ऐसा क्या हो गया तोऔरऔर भी

फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज (एफआईएल) का शेयर हफ्ते भर पहले ही 14 जुलाई को 95.90 रुपए पर 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा है। अभी यह 89.65 रुपए पर चल रहा है जो 2009-10 के ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 10.67 रुपए से 8.41 गुना है। इसी की जैसी अन्य कंपनियों में जैन इरिगेशन का पी/ई अनुपात 33.31 और सिंटेक्स इंडस्ट्रीज का पी/ई अनुपात 16.84 है। फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज के शेयर की बुक वैल्यू 47.23 रुपए है। इस तरह उसकेऔरऔर भी

मारुति सुजुकी का नाम ही काफी है। कंपनी पहली तिमाही के नतीजे इसी हफ्ते शनिवार 24 जुलाई को घोषित करने जा रही है। वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 29,629 करोड़ रुपए की आय पर 2497.62 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसके पास 31 मार्च 2010 तक 11,690.6 करोड़ रुपए के रिजर्व थे। कंपनी की इक्विटी 144.46 करोड़ रुपए है। इसका 54.21 फीसदी हिस्सा जापानी कंपनी सुजुकी के पास और बाकी 45.79 फीसदी हिस्सा पब्लिक केऔरऔर भी

शासुन केमिकल्स एंड ड्रग्स (एससीडीएल) दुनिया में इबुप्रोफेन और गाबापेंटिन बनानेवाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। वह रैनिटिडाइन व नाइजैटिडाइन जैसी दवाओं की प्रमुख निर्माता है। उसने 2006 में ब्रिटेन में एक अधिग्रहण के बाद शासुन फार्मा सोल्यूशंस (एसपीएस) नाम की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सडियरी बना रखी है। 2009 से वह बायोटेक क्षेत्र में भी उतर चुकी है। उसके पास चेन्नई में अपनी आर एंड डी सुविधाएं हैं। वह अमेरिकी कंपनी वरटेक्स फार्मा को वीएस-950औरऔर भी