यूं तो शेयरों के भाव वर्तमान को नहीं, हमेशा भविष्य को पकड़कर चलते हैं। लेकिन किसी कंपनी के भविष्य का आकलन इतना आसान नहीं होता। गहरी रिसर्च और जासूसी का काम होता है यह। फिर भी कभी-कभी कंपनी का अतीत और वर्तमान ही इतना मजबूत होता है कि भविष्य से बेफिक्र होकर उसमें निवेश किया जा सकता है। सीईएससी लिमिटेड का मामला कुछ ऐसा ही है। आरपीजी समूह की कंपनी है। 1899 में गठित हुई। तब सेऔरऔर भी

रेनेसां ज्वेलरी का आईपीओ नवंबर 2007 में आया था और उसके शेयर 150 रुपए मूल्य पर जारी किए गए थे। 12 दिसंबर 2007 को लिस्टिंग के दिन यह 190 रुपए तक चला गया। लेकिन इस समय इसका भाव 73 रुपए चल रहा है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 95.40 रुपए (6 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 39.60 रुपए (5 नवंबर 2009) रहा है। कंपनी अभी तक अपने लगभग सारे जेवरात अमेरिका को निर्यात करती रही हैऔरऔर भी

यूं तो मुझे टेक्निकल एनालिसिस और उसके आधार पर शेयरों की चाल के बारे में की गई भविष्यवाणियों का कोई सिर-पैर नहीं समझ में आता। लेकिन आज मैं एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म के चुनिंदा टेक्निकल अनुमान पेश करना चाहता हूं। यह फर्म भारत व चीन पर खास ध्यान दे रही है और भारत में इसका वास्ता निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक से जुड़ी ब्रोकरेज फर्म से है। यह हर दिन अल-सुबह करीब 40-50 शेयरों कीऔरऔर भी

पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं। कल गिरते हुए बाजार में भी पीएफसी और आरईसी के शेयर बीएसई में थोड़ा-थोड़ा बढ़कर क्रमशः 294.75 रुपए और 277.90 रुपए पर बंद हुए हैं। एनएसई में पीएफसी का बंद भाव 296.90 रुपए और आरईसी का बंद भाव 277.65 रुपए रहा है। इन दोनों ही शेयरों में एक खास किस्म की चाल नजर आ रही है। पीएफसी ने तो इसी 1 जूनऔरऔर भी

बर्जर पेंट्स के चौथी तिमाही के नतीजे 15 मई को आएंगे। लेकिन इससे पहले कंपनी के शेयरों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कल बुधवार को इसका शेयर बीएसई में 4.82 फीसदी बढ़कर 60.85 रुपए पर बंद हुआ, जबकि एनएसई में 5.25 फीसदी की बढ़त के साथ इसका आखिरी भाव 61.20 रुपए रहा है। बाजार के जानकारों की मानें तो अभी यह 63-64 रुपए तक आसानी से जा सकता है यानी इसमें तत्काल इसमें 4 फीसदी बढ़तऔरऔर भी