लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी

अपने अलग विचारों के लिए अक्सर विवादों में घिरे रहनेवाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक नया विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर आर्थिक तरक्की के कारण पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को गिना जाए तो देश की आर्थिक वृद्धि दर आठ या नौ फीसदी नहीं, बल्कि साढ़े पांच से छह फीसदी के बीच आंकी जाएगी। रमेश की इस टिप्पणी से पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते सोमवार कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10औरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा सरकार को आदेश दिया है कि वह ब्रिटेन स्थित वेदांता समूह द्वारा पुरी में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए 6000 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण मामले में यथास्थिति बरकरार रखे। शुक्रवार को इस मामले में विभिन्न पक्षों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश डी के जैन और न्यायाधीश एच एल दत्तु की पीठ ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया। इससे पहले, शीर्ष अदालत की दो अलग-अलग पीठ ने विभिन्न पक्षों की याचिकाओंऔरऔर भी

यह न तो कोई बड़ी बात है और न इतनी छोटी कि इसे यूं ही चलता किया जाए। खाद्य तेलों से शुरू करके बिजली के घरेलू साजोसामान तक पहुंची और देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बन चुकी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने तय किया है कि वे अपने नाम में दर्ज कंपनी के 21.30 करोड़ शेयर ऐसे ट्रस्ट के खाते में डाल देंगे, जहां से वे खुद भी चाहें तो वापस नहीं लेऔरऔर भी

रामको इंडस्ट्रीज बड़ी पुश्तैनी किस्म की कंपनी है। उसके संस्थापक चंदन का तिलक धारण करनेवाले पीएसी रामासामी राजा है। कंपनी ने अपना पहला एस्बेस्टस शीट प्लांट 1967 में तमिलनाडु के आराक्कोणम में लगाया। दूसरा शीट प्लांट करूर (कर्णाटक) में 1974 में और तीसरा प्लांट माक्सी (मध्य प्रदेश) में 1987 में लगाया। इससे पहले माक्सी में ही उसने 1983 में 5 मीटर लंबी और 80 मिमी से लेकर 1000 मिमी व्यास वाली एस्बेस्टस सीमेंट प्रेशर पाइप बनाने काऔरऔर भी

लॉबीइंग और रिलायंस समूह का रिश्ता बहुत पुराना रहा है। यह काम धीरूभाई के जमाने से चला रहा है। लेकिन उनके छोटे बेटे अनिल अंबानी ने लगता है, इसे देश की सरहदों से बाहर पहुंचा दिया है। अमेरिका के पर्यावरण प्रेमी संगठनों ने आरोप लगाया है कि रिलायंस पावर ने मध्य प्रदेश में 3960 मेगावॉट की सासन बिजली परियोजना के लिए अमेरिकी एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बैंक (यूएस एक्जिम बैंक) से 60 करोड़ डॉलर की ऋण गारंटी जबरदस्त लॉबीइंगऔरऔर भी

शिरीष खरे यह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें भीऔरऔर भी