अगर आपने घर की वायरिंग के लिए बिजली के केबल खरीदें होंगे तो कंगारू के नीचे वी-गार्ड लिखे हुए ब्रांड को शायद जरूर पहचानते होंगे। वी-गार्ड इंडस्ट्रीज दक्षिण भारत की कंपनी है। उसकी पुरानी फैक्टरी केरल में है। लेकिन उसने साल भर पहले ही उत्तराखंड में नई फैक्टरी लगाई है। वह वोल्टेज स्टैबलाइजर से लेकर मोटर पंप, इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर/गीज़र, सोलर वॉटर हीटर, पीवीसी वायरिंग केबल, एलटी व कंट्रोल केबल, यूपीएस और सीलिंग फैन जैसे कई विद्युतऔरऔर भी

अगर पी/ई अनुपात के लिहाज से देखें तो आइडिया सेलुलर देश की लिस्टेड टेलिकॉम कंपनियों में भारती एयरटेल के बाद सबसे सस्ता शेयर है। 2009-10 में इसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.39 रुपए रहा है और इसका शेयर सोमवार को बीएसई में 3.80 फीसदी बढ़कर 58.70 रुपए और एनएसई में 3.45 फीसदी बढ़कर 58.50 रुपए पर बंद हुआ है। इसका पी/ई अनुपात 17.16, भारती एयरटेल का 8.32 और रिलायंस कम्युनिकेशंस का 86.83 है। आइडिया का परिचालन लाभऔरऔर भी

सुब्रोस लिमिटेड पच्चीस साल पुरानी कंपनी है। इसे 1985 में जापान की सुजुकी कॉरपोरेशन और डेंसो कॉरपोरेशन ने सूरी बंधुओं के साथ मिलकर बनाया था। रमेश सूरी कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन हैं और श्रद्धा सूरी उसकी प्रबंध निदेशक है। कंपनी कार से लेकर बसों तक के एसी बनाती है। उसके पास देश में ऑटो एयर कंडीशनिंग सिस्टम बनाने की सबसे बड़ी और इकलौती एकीकृत इकाई है। उसके तीन संयत्र नोएडा (उ.प्र.), मानेसर (हरियाणा) और पुणे (महाराष्ट्र) मेंऔरऔर भी

सूर्या रोशनी में सब कुछ है। नाम है, धंधा है, ब्रांड है। 1973 में बनी पुरानी कंपनी है। बिजली के नए से नए लैंप व ट्यूबलाइट के साथ ही वह स्टील के पाइप व स्ट्रिप भी बनाती है। प्रबंधन चौकस है। 2009-10 में उसने 1938.93 करोड़ रुपए के कारोबार पर 45.17 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू अभी 88.71 रुपए है और प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) है 16.23 रुपए। लेकिन शेयरऔरऔर भी

मैं कोई भी नए स्टॉक्स लेने से पहले इंतजार करूंगा कि बाजार रोलओवर के दौर से गुजरकर थोड़ा स्थायित्व हासिल कर ले। हालांकि मेरी नजर में अभी कम से कम दर्जन भर शेयर ऐसे हैं जिनमें अच्छी खबरें आ रही हैं ओर वे हमारे स्ट्रीट कॉल सेक्शन में शामिल हो सकते हैं। मैंने अधिग्रहण के बारे में शिवालिक बाईमेटल के प्रबंधन की तरफ से आया खंडन पढ़ा। अच्छा है। मैं कंपनी के प्रबंधन में होता तो मैंनेऔरऔर भी

जिंदगी में पहले से ही सब कुछ पता हो तो वह कितनी बोरिंग हो जाएगी? फिर भी हम कल क्या होनेवाला है, इसका पता लगाने में जुटे रहते हैं। यही हाल शेयर बाजार का है। पारदर्शिता कितनी भी बढ़ जाए, पहले से सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि कल ठीक-ठीक क्या होनेवाला है, कौन-से शेयर बढ़ेंगे, कौन-से गिरेंगे। जानने की इच्छा के बीच अज्ञात का थ्रिल। इसी भाव से शेयर बाजार को देखिए। अच्छा लगेगा। आज केऔरऔर भी

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) टाटा समूह की कंपनी है। देश में टिन कोटेड व टिन फ्री स्टील शीट की सबसे बड़ी उत्पादक है। घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 35-40 फीसदी है। कंपनी अपना 20-25 फीसदी उत्पादन निर्यात करती है। कोलकाता में इसका मुख्यालय है। फैक्ट्री जमशेदपुर में है। 85 साल पुरानी नामी कंपनी है। कल बीएसई में इसके शेयरों में जबरदस्त कारोबार हुआ 8.35 लाख शेयरों का, जबकि पिछले दो हफ्ते में औसत कारोबार 1.37औरऔर भी

अमेरिकी बाजारों की गिरावट और हंगरी के संकट के बावजूद अगर बाजार (बीएसई सेंसेक्स) 431 अंक तक गिर गया और बंद हुआ करीब 337 अंक की गिरावट के साथ तो इसमें बहुत परेशान होने की बात नहीं है। एनएसई निफ्टी में इसी तरह का करेक्शन आया है। ध्यान दें कि ऐसे हर करेक्शन के बाद बाजार ने वापसी की है और एनएसई निफ्टी पूरी दृढ़ता के साथ 5000 और 5100 का स्तर पार कर गया है। आजऔरऔर भी

समझ में नहीं आता कि जिस कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 65.78 रुपए हो, जिसने पिछले साल अक्टूबर में शिव नारायण इनवेस्टमेंट्स प्रा. लिमिटेड नाम की फर्म को जारी किए गए 5.60 लाख वारंट इसी 30 मार्च 2010 को 70 रुपए के मूल्य (10 रुपए अंकित मूल्य + 60 रुपए प्रीमियम) पर इतने ही शेयरों में बदले हों, उसके शेयर का भाव 25-30 रुपए कैसे हो सकता है। लेकिन लुधियाना की कंपनी गर्ग फरनेस का सचऔरऔर भी

श्री शक्ति पेपर मिल्स ने दो दिन पहले ही अपने सालाना नतीजे घोषित किए हैं। 2009-10 में उसकी बिक्री पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3.27 फीसदी बढ़कर 143.26 करोड़ रुपए हो गई है। लेकिन इसी दौरान उसका शुद्ध लाभ 39.98 फीसदी बढ़कर 4.64 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। शायद इन्हीं परिणामों के असर से सोमवार को उसका शेयर बीएसई में 5.45 फीसदी बढ़कर 22.25 रुपए पर बंद हुआ है। इस भाव पर भी इसका पी/ईऔरऔर भी