देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष 2011-12 में सितंबर तक के छह महीनों में ही पूरे साल के बजट अनुमान का लगभग 71 फीसदी हो चुका है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2010-11 की पहली छमाही में यह बजट अनुमान का 34.9 फीसदी ही था। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार राजकोषीय घाटा अप्रैल-सितंबर 2011 के बीच 1.92 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि पूरे वित्त वर्ष का बजट लक्ष्य 4.13 लाख करोड़ रुपए रखा गयाऔरऔर भी

इस समय केंद्रीय कृषि मंत्रालय देश भर में खेती-किसानी से जुड़ी 19 तरह की 50 से ज्यादा स्कीमें चलाता है। लेकिन अगले साल 2012 से शुरू हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना में इनकी संख्या घटाकर मात्र आठ कर दी जाएगी। ये वैसी स्कीमें हैं जिन्हें केंद्र सरकार प्रायोजित करती है। बाकी स्कीमों का जिम्मा राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाएगा। वे चाहें तो चलाएं और चाहें तो बंद कर दें। यह स्पष्ट किया है कृषि सचिव पीऔरऔर भी

जिस तरह रेटिंग एजेंसी मूडीज ने देश के सबसे बैंक एसबीआई को डाउनग्रेड किया है, उससे उसकी निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग गया है। मूडीज ने कहा है कि एसबीआई का एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) या डूबत ऋण 12 फीसदी हो सकता है, लेकिन रिजर्व बैंक के नियमों के तरह भारत में किसी बैंक का एनपीए कभी भी इतना हो नहीं सकता। इस समय जून 2011 की तिमाही के नतीजों के मुताबिक एसबीआई का एनपीए कुल ऋणों काऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू को केंद्र सरकार ने भारतीय प्रेस परिषद का अध्यक्ष मनोनीत कर दिया है। इस बारे में बुधवार को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई। जस्टिस काटजू भ्रष्टाचारियों को लैंप-पोस्ट से लटकाने जैसे दो-टूक फैसले सुनाकर आम लोगों में काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। वे मूलतः कश्मीरी हैं। लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई है। जस्टिस मार्कन्‍डेय काटजू का जन्‍म 20 सितम्‍बर, 1946 को हुआ था। वे इलाहाबाद विश्व विद्यालय मेंऔरऔर भी

केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से 2.20 लाख करोड़ रुपए उधार जुटाएगी। यह बजट में तय की गई रकम से 52,872 करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार के इस फैसने ने बांड बाजार में सिहरन दौड़ा दी है और माना जा रहा है कि इससे निजी क्षेत्र के लिए वित्तीय संसाधन कम पड़ जाएंगे। सरकार का कहना है कि लघु बचत से कम रकम मिलने और केंद्र का कैश बैलेंस कम होने केऔरऔर भी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमे राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) को विश्व बैंक की सहायता देने की बात कही गयी है। इस काम पर 7000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। विश्व बैंक के बोर्ड ने इस परियोजना को दस साल पहले 31मई 2001को ही मंजूरी दे दी थी। विश्वऔरऔर भी

भारत के फाइनेंस जगत की सबसे बड़ी खबर। लेकिन निकली एकदम ठंडी। पिछली बार 26 जुलाई को अपेक्षा के विपरीत ब्याज दर को 0.50 फीसदी बढ़ाकर सबको चौंका देना एक अपवाद था। अन्यथा रिजर्व बैंक गवर्नर डॉ. दुव्वरि सुब्बाराव का एक खास अंदाज है। वे नीतिगत उपायों से चौंकानेवाला तत्व एकदम खत्म कर देना चाहते हैं। यह देश के केंद्रीय बैंक के कामकाज में पारदर्शिता लाने के उनके प्रयास का हिस्सा है। आज सुबह तक सबको पक्काऔरऔर भी

सरकारी कर्मचारियों की मौज है क्योंकि उन्हें मुद्रास्फीति के असर को खत्म करने के लिए यहां-वहां निवेश करने की मगजमारी नहीं करनी पड़ती। सरकार खुद ही मुद्रास्फीति के असर को महंगाई भत्ता बढ़ाकर बराबर कर देती है। केंद्र सरकार ने इसी क्रम में शुक्रवार को अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 फीसदी बढ़ा दिया। यह वृद्धि 1 जुलाई 2011 से लागू होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले की सूचना देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनीऔरऔर भी

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को चलाना केंद्र, राज्‍य व संघीय क्षेत्रों की सरकारों की संयुक्‍त जिम्‍मेदारी है। लेकिन खुद केंद्र सरकार का कोई इरादा उचित दर की दुकानें खोलने का नहीं है। यह कहना है कि उपभोक्‍ता मामलात, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के राज्‍यमंत्री के वी थॉमस का। उन्होंने सोमवार को राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि टीपीडीएस को उचित दरों की दुकानों के माध्‍यम से चलाया जाता है। उचित दर कीऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने नवंबर 2008 से देश में जन औषधि मेडिकल स्टोर खोलने का अभियान चला रखा है। ये स्टोर मुख्यतया सरकारी अस्पतालों में खोले जाने हैं। लेकिन तीन साल तक इस योजना के तहत देश भर में कुल 111 स्टोर ही खोले जा सके हैं, जिनमें से सात काम नहीं कर रहे हैं। नोट करने की बात यह है कि इनमें से कोई भी स्टोर देश के तीन प्रमुख राज्यों – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश वऔरऔर भी