सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अगले छह महीनों में 6000 नई कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा। यह जानकारी गुरुवार को खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने दी। उन्होंने राजधानी दिल्ली में वैश्विक गेहूं सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “एफसीआई 6000 कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा। हमें खाद्यान्नों की खरीद और वितरण को संभालने के लिए युवा लोगों की जरूरत है।” उन्होंने बताया कि यह एफसीआई द्वारा इस समय नियुक्त किए जा रहे 4000 लोगों से अलग होगा।औरऔर भी

एक तरफ खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद में रखने की तैयारी हो चुकी है, दूसरी तरफ खाद्यान्नों की खरीद व रखरखाव की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने स्वीकार किया है कि अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2011 तक के दस सालों में विभिन्न वजहों से 7.42 लाख टन अनाज बरबाद हो गया है। इस अनाज की कीमत 330.71 करोड़ रुपए आंकी गई है। एफसीआई ने सूचना का अधिकार कानून के तहत सामाजिक कार्यकर्ताऔरऔर भी

इस साल खाद्य सब्सिडी का बजट लक्ष्य 60,572 करोड़ रुपए है, जबकि 1 अप्रैल से 15 दिसंबर 2011 तक 45,125 करोड़ रुपए यानी इसका 74.5% हिस्सा बांटा जा चुका है। इससे पहले वित्त वर्ष 2009-10 में खाद्य सब्सिडी 58,242.45 करोड़ और 2010-11 में 62,929.56 करोड़ रही थी। यह सब्सिडी एफसीआई और राज्य सरकारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों के बीच सस्ता खाद्यान्न बेचने के लिए दी जाती है। नए खाद्य सुरक्षा विधेयक से इस सब्सिडीऔरऔर भी

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास अपने और किराये के गोदामों को मिलाकर अनाज भंडारण की कुल क्षमता 333 लाख टन है। इसमें से 1 अक्टूबर 2011 तक 74% क्षमता का उपयोग हुआ है। राज्‍यों की एजेंसियों की कुल भंडारण क्षमता अभी 295 लाख टन है। इस प्रकार देश में भंडारण क्षमता 628 लाख टन है, जबकि हमारे पास अभी खाद्यान्न का भंडार 517 लाख टन ही है। साथ ही सरकार ने अधिक खरीद को संभालने केऔरऔर भी

देश भर में खाद्यान्नों की खरीद से लेकर वितरण तक का काम देखनेवाली मुख्य सरकारी संस्था भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपनी स्थापना के 46 साल बाद कामकाज की पहली रिपोर्ट जारी की है। केन्‍द्रीय खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने शुक्रवार को एफसीआई के वर्ष 2010-11 की परिचालन रिपोर्ट जारी की। वाकई यह चौंकानेवाली बात है कि 1965 में एफसीआई की स्‍थापना होने के बाद से यह इस तरह की पहली रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट मेंऔरऔर भी

सभी लोग कंपनियों के लाभ मार्जिन के कम या ज्यादा होने की बात करते हैं। लेकिन कोई इस बात पर गौर नहीं करता कि देश के अन्नदाता किसानों का लाभ मार्जिन कितना घटता जा रहा है। एक तो वैसे ही 90 फीसदी किसान गुजारे लायक खेती करके जिंदा है, ऊपर से मार्जिन में सुराख ने गरीबी में आटे को और गीला कर दिया है। एक खबर के अनुसार, धान की फसल पर किसानों ने पिछले साल प्रतिऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने अनाजों के भंडारण में निजी क्षेत्र को खींचने के लिए ऐसी योजना चला रखी है जिसके तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) उनके गोदामों को दस साल तक किराए पर लेने की गारंटी दे रहा है। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थॉमस ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को बताया कि उनके मंत्रालय ने ढके हुए भंडारण गोदामों के नि‍र्माण व भंडारण में कवर व पि‍लिंथ (सीएपी)औरऔर भी

बाजार में पहले से छाए पस्ती के आलम को और हवा तब मिल गई, जब अमेरिकी ऋण संकट के समाधान के बावजूद एशिया के बाजार गिर गए। मंदड़ियों का खेमा मान बैठा है कि अमेरिका में हुआ राजनीतिक समझौता तात्कालिक समाधान है। इसलिए इस पर चहकने की कोई जरूरत नहीं है। बाजार फिर से 5500 के नीचे चला गया तो उन्होंने फिर से बिक्री का बटन दबा दिया है। फिर वही बात उठा ली है कि अबऔरऔर भी

कृषि मंत्रालय ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के किसी तरह के वित्‍तीय संकट में होने से इनकार किया है। इस तरह की खबरें छपने के बाद कि एफसीआई अनाज की खरीद के लिए राज्‍यों और उनकी एजेंसियों को भुगतान नहीं कर पा रहा है, मंत्रालय ने सफाई पेश की है। उसका कहना है कि एफसीआई को गेहूं और धान की खरीद पर बोनस व अतिरिक्‍त आवंटन वगैरह के कारण बजट में आवंटन रकम से ज्यादा खर्च करनाऔरऔर भी

केन्‍द्र सरकार ने भंडारण क्षमता बढ़ाने और खाद्यान्‍नों की आवाजाही पर वि‍चार-वि‍मर्श के लि‍ए अनाज की खरीद करने वाले प्रमुख राज्‍यों के मंत्रि‍यों की एक बैठक बुधवार, 20 जुलाई को बुलाई है। उपभोक्‍ता मामलात, खाद्य व सार्वजनि‍क वि‍तरण राज्‍य मंत्री के वी थॉमस नई दि‍ल्‍ली में होनेवाली इस बैठक की अध्‍यक्षता करेंगे। इसमें कई केन्‍द्रीय मंत्रालयों के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारी, योजना आयेाग के प्रति‍नि‍धि‍ और वि‍शि‍ष्‍ट पहचान प्राधि‍करण के अध्‍यक्ष नंदन निलेकणी भी भाग लेंगे। दि‍न भर चलनेऔरऔर भी