केंद्र सरकार ने अनाजों के भंडारण में निजी क्षेत्र को खींचने के लिए ऐसी योजना चला रखी है जिसके तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) उनके गोदामों को दस साल तक किराए पर लेने की गारंटी दे रहा है। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थॉमस ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने सोमवार को बताया कि उनके मंत्रालय ने ढके हुए भंडारण गोदामों के निर्माण व भंडारण में कवर व पिलिंथ (सीएपी) कम करने के वास्ते निजी निवेश आकर्षित करने के लिए निजी उद्यम गारंटी (पीईजी) योजना तैयार की है। इस योजना के अधीन एफसीआई निजी उद्यमियों को उनके गोदाम निश्चित किराए पर लेने की दस साल की गारंटी देगा।
इस योजना के अंतर्गत निजी उद्यमियों और केन्द्रीय व राज्य भंडारण निगमों (सीडब्ल्यूसी व एसडब्ल्यूसी) के जरिए 19 राज्यों में लगभग 152.97 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार की जाएगी। इसमें से 31 जुलाई 2011 तक निजी उद्यमियों द्वारा 52.32 लाख टन की भंडारण क्षमता का सृजन कराने के लिए निविदाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी क्रमशः 5.31 और 15.49 लाख टन क्षमता का निर्माण कर रहे हें।
इसमें से सीडब्ल्यूसी व एसडब्ल्यूसी द्वारा लगभग 3.5 लाख टन की क्षमता पहले ही सृजित कर ली गई है। इस योजना के अंतर्गत निर्मित गोदामों को अधिकार में लेने के बाद एफसीआई केवल निजी उद्यमियों को किराया देगा।