जिस टैक्स को बचाने के लिए लोगबाग अपना धन स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा कराते हैं और वह सफेद से काला हो जाता है, उस पर स्विटजरलैंड सरकार ने टैक्स लगाने की शुरुआत कर दी है। ब्रिटेन व जर्मनी के साथ खास समझौते के बाद स्विस बैंकों में जमा वहां के नागरिकों के कालेधन पर टैक्स लगाया जाएगा। भारत व स्विटजरलैंड के बीच ऐसी संधि हो जाने पर भारतीयों के कालेधन पर भी स्विटजरलैंड में टैक्स लगाया जाएगा।
दुनिया भर की सरकारों के लिए यह अच्छी खबर है कि स्विटजरलैंड की सरकार अपने देश के बैंकों में जमा ब्रिटिश नागरिकों के कालेधन पर टैक्स लगाने को तैयार हो गई है। यह पहला मौका है, जब सरकार स्विस खातों में पड़े कालेधन पर कर लगाने को तैयार हुई है।
हालांकि खाताधारकों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। इस समझौते से ब्रिटेन को वहां से हर साल 3 अरब से 6 अरब पौंड के बीच राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। यह समझौता ब्रिटेन के राजस्व और सीमा शुल्क विभाग एचएमआरसी के विदेशी बैंक खातों में रखे गए धन का पता लगाने के प्रयास का हिस्सा है।
इससे पहले स्विटजरलैंड के साथ इसी प्रकार का एक समझौता इस महीने की शुरूआत में जर्मनी के साथ भी हुआ है। ब्रिटेन के वित्त सचिव डेविड गाके ने कहा, “ऐतिहासिक समझौते से हमें उन लोगों से अरबों पौंड प्राप्त होंगे जो स्विस बैंकिंग गोपनीयता नियम का दुरूपयोग कर लंबे समय से देश में टैक्स देने की अपनी जिम्मेदारी से बच रहे थे।”
स्विस बैंकिंग कानून में मिली छूट के तहत पिछले कई दशकों से विदेशी नागरिक अपना कालाधन गुप्त तरीके से स्विस खातों में रखते रहे हैं। ये लोग अपने देश में कर अधिकारियों से बचते हुए अपना पैसा वहां छुपाते हैं।