क्या भारत की विकासगाथा इतनी भुरभुरी, कमज़ोर बुनियाद और कच्ची दीवार पर खड़ी है कि भ्रष्टाचार का सच उजागर करने से खतरे में पड़ जाएगी और जो भी इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करेगा, उसे गद्दार व देशद्रोही करार दिया जाएगा? ऐसा होना तो नहीं चाहिए। लेकिन देश में इस वक्त यही हो रहा है। भरी संसद में भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और नेता-प्रतिपक्ष राहुल गांधी को देशद्रोही करार दिया। वहीं, संसद के बाहर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा गद्दार ठहरा दिया। यह सब इसलिए क्योंकि राहुल गांधी बराबर गौतम अडाणी के भ्रष्टाचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें लुटाई जा रही राष्ट्र की संपदा पर सवाल उठा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिस दिन अडाणी के एजेंट बनकर भाजपा सांसद व प्रवक्ता नेता-प्रतिपक्ष पर ये आक्रमण कर रहे थे, उसी के अगले दिन सुबह-सुबह ये खबर बेपरदा हुई कि केंद्र सरकार ने अडाणी ग्रीन एनर्जी और उसकी विदेशी सहयोगी कंपनी एज़्योर पावर पर कृपा बरसाते हुए ट्रांसमिशन शुल्क माफ कर दिया है। इन दोनों ही कंपनियों पर अमेरिका के न्याय विभाग ने दो साल की सघन जांच के बाद भारत में रिश्वतखोरी और अमेरिका में निवेशकों के साथ फ्रॉड करने का अभियोग लगाया है। अब सोमवार का व्योम…
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