शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग उनके लिए खबरों और फंडामेंटल्स का खेल हो सकता है जिनके पास खबरें और कंपनी के नतीजे औरों से पहले पहुंच जाते हैं। ऐसी पहुंच वालों तक पहुंचना रिटेल ट्रेडर के लिए नामुमकिन है। उसके लिए तो शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग शुद्ध रूप से मनोविज्ञान का खेल है। इसमें भी उसे अपने साथ ही दूसरों की लालच और भय की भावनाओं के काम करने के तरीकों की तह में पहुंचना होता है। जो खबरों पर खेलते हैं, उनका ज़ोन अलग है। उनसे हम कभी भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। बिजनेस अखबार और चैनल जो खबरें हमें दिखाते हैं, वे उस्तादों तक बहुत पहले पहुंच चुकी होती हैं और बाज़ार उनके असर को जज़्ब कर चुका होता है। इसलिए रिटेल ट्रेडरों को कभी भी बिजनेस चैनल नहीं देखने चाहिए। साथ ही बिजनेस अखबार पांच मिनट में देखकर किनारे रख देना चाहिए। उसके लिए तो भाव ही भगवान हैं। उसे तो तेल देखो, तेल की धार देखो की तर्ज पर भाव और उसके पैटर्न को सबसे ज्यादा अहमियत देनी चाहिए। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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