नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) ने गरीबों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रखी गई रकम का बड़ा हिस्सा मंत्री के लिए हेलीकॉप्टर किराये पर लेने व जनसंपर्क गतिविधियों पर खर्च किया है।
कैग द्वारा गुरुवार को संसद में पेश रपट में यह खुलासा किया गया है। इसमें कहा गया है कि सेल ने 2006-10 के दौरान देश भर में अपने संयंत्रों में चिकित्सा शिविर लगाने पर 17.21 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया था। लेकिन इसका बड़ा हिस्सा दवाओं से इतर दूसरे कामों पर खर्च हुआ है।
इसमें कहा गया है कि सेल की इकाई बोकारो स्टील ने विशेष रूप से बड़ी राशि (82 फीसदी) चिकित्सा से इतर दूसरे मद में खर्च की। इसने 10.56 करोड़ रुपए के कुल खर्च में से 1.31 करोड़ रुपए तत्कालीन इस्पात मंत्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवा लेने और 5.62 करोड़ रुपए जनंसपर्क (पीआर) गतिविधियों पर खर्च किए।
कैग ने कहा है कि इस राशि का केवल 18 फीसदी भाग ही दवाओं पर खर्च किया गया जिससे चिकित्सा शिविर आयोजित करने का मुख्यत उद्देश्य ही पीछे छूट गया। इन चिकित्सा शिविरों का लाभ उन गरीब ग्रामीणों को मिलना था जो संयंत्र के आसपास रहते हैं।
हालांकि कैग द्वारा ध्यान में लाये जाने के बाद मंत्रालय ने कहा कि वह आगे से यह राशि दवा और रोगियों के इलाज जैसी मुख्य गतिविधियों तक सीमित रखेगी। सेल के भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर और इस्को स्टील संयंत्रों के बारे में भी हालात कमोबेश ऐसे ही पाए गए।