आरईआई एग्रो: सीधा धंधा फायदे का

आरईआई एग्रो का शेयर कल बीएसई (कोड – 532106) में 4.38 फीसदी और एनएसई (कोड – REIAGROLTD) में 4.21 फीसदी गिरकर 27.30 रुपए पर बंद हुआ है, जबकि केयर इक्विटी रिसर्च की मानें तो उसका मौजूदा अंतर्निहित मूल्य (सीआईवी) ही 38 रुपए है। इस तरह आज की तारीख में इसका भाव 39 फीसदी दबा हुआ चल रहा है। दूसरे शब्दों मे कहें तो यह शेयर इतनी बढ़त की भरपूर गुंजाइश रखता है। बता दें कि केयर देश की प्रमुख रेटिंग एजेंसी है और वह दो अन्य प्रमुख क्रेडिट एजेंसियों क्रिसिल और इक्रा से इस मायने में भिन्न है कि उसकी रिपोर्टें ज्यादा वस्तुपरक होती हैं। क्रिसिल और इक्रा तो बुनियादी रूप से धंधेबाज हैं।

वैसे, पिछले साल भर से यह शेयर कमोबेश ठहरा हुआ है। हमने 9 जुलाई 2010 को जब इस कपनी में एफआईआई निवेश की सीमा बढ़ाकर 75 फीसदी किए जाने के बारे में लिखा था, तब इसका भाव 30 रुपए के आसपास था। इसके पहले 24 जून 2010 को यह 34.90 रुपए पर गया था जो इसका 52 हफ्ते का शिखर है। लेकिन फिर गिरते-गिरते 31 अगस्त 2010 को 18.85 रुपए तक लुढ़क गया।

असल में यह ऐसा शेयर है जिसमें रह-रहकर ऑपरेटर सक्रिय हो जाते हैं। यह यूं तो बी ग्रुप का शेयर है। लेकिन इसमें कितनी तरलता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कल बीएसई में इसके 41.10 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 92.15 फीसदी डिलीवरी के लिए थे, जबकि एनएसई में 51.92 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 88 फीसदी डिलीवरी के लिए थे।

वैसे, यह शेयर इस समय निवेश के लिए पूरी तरह मुफीद है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 2.58 रुपए है। इस तरह 27.30 रुपए के मौजूदा भाव पर यह 10.59 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 21.99 रुपए है। केयर इक्विटी रिसर्च ने माना है कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में कंपनी का ईपीएस 4.1 रुपए रहेगा। इस पर 9.27 का पी/ई मानकर उसने 38 रुपए का भाव निकाला है।

आरईआई एग्रो की स्थापना 1994 में हुई और 1996 में यह लिस्ट हो गई। बासमती चावल की प्रोसेसिंग व मार्केटिंग का सीधा-साधा काम करती है। उसने अपनी क्षमता 2006 से 2010 के बीच 4 लाख टन से बढ़ाकर 9 लाख टन कर ली। इस समय दुनिया के बासमती चावल बाजार में उसकी हिस्सेदारी करीब 17 फीसदी और घरेलू बाजार में 20 फीसदी के आसपास है। कसौटी, रीयल मैजिओ, मिस्टर मिलर, आइरन, हंगामा, हंसराज व रेनड्रॉप कंपनी के अपने ब्रांड हैं जो ग्राहक के अलग-अलग स्तरों की जरूरत के हिसाब से बनाए गए हैं।

कंपनी की खासियत यह है कि वह किसानों से सीधे धान खरीदने से लेकर अंतिम ग्राहक तक पहुंचाने का सारा काम करती है। उसने अपने रिटेल स्टोर चलाने के लिए आरईआई सिक्स टेन रिटेल लिमिटेड नाम की कंपनी बना रखी है जिसमें उसकी 26 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी विंड-पावर के धंधे में भी उतर चुकी है और अभी 46.1 मेगावॉट बिजली बना रही है। इसके अलावा वरसाना इस्पात लिमिटेड में उसने 27 फीसदी इक्विटी लगा रखी है।

कंपनी की खुद की इक्विटी 95.8 करोड़ रुपए है जो एक रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। इसका 41.90 हिस्सा प्रवर्तकों और 58.10 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है। पब्लिक में 39.35 फीसदी शेयर एफआईआई के पास हैं, जबकि घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) ने इसके महज 0.41 फीसदी शेयर ले रखे हैं। कंपनी के 15 बड़े शेयरधारकों में 13 तो एफआईआई है। बाकी दो में इंडिया इनफोलाइन के पास इसके 1.38 फीसदी और सत्य प्रकाश बंसल के पास एक फीसदी शेयर हैं।

अंत में कंपनी के धंधे का अंदाज लगाने के लिए कुछ आंकड़े। दिसंबर 2010 की तिमाही में उसने 960.19 करोड़ रुपए की आय पर 81.39 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पहले पूरे वित्त वर्ष 2009-10 में उसकी आय 3693.23 करोड़ और शुद्ध लाभ 157.17 करोड़ रुपए था। कंपनी का धंधा और मुनाफे का मार्जिन अच्छी रफ्तार से बढ़ रहा है। 2009-10 में उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 16.56 फीसदी था। सितंबर 2010 की तिमाही में यह 19.74 फीसदी हुआ और दिसंबर 2010 की तिमाही में 21.17 फीसदी हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *