उचाट रहने से सच तक नहीं पहुंचा जा सकता है, पंडित नहीं बना जा सकता है। इसके लिए जुड़ना जरूरी है, प्रतिबद्धता जरूरी है, प्रेम जरूरी है, डूबना जरूरी है। निर्लिप्त रहकर ज्ञानवान नहीं बना जा सकता।
2011-08-20
उचाट रहने से सच तक नहीं पहुंचा जा सकता है, पंडित नहीं बना जा सकता है। इसके लिए जुड़ना जरूरी है, प्रतिबद्धता जरूरी है, प्रेम जरूरी है, डूबना जरूरी है। निर्लिप्त रहकर ज्ञानवान नहीं बना जा सकता।
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