शक्ति-पुंज

मां-बाप की उंगली, घर की छांह, कभी नौकरी का साया और फिर भगवान का आसरा। इन बैसाखियों से कभी तो तौबा कीजिए। कभी तो एकदम अनाथ होकर देखिए कि आपका अपना शक्ति-पुंज क्या है!

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