पाकिस्तान सरकार ने विश्वविख्यात ऐतिहासिक स्थल मोहनजोदड़ो को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मंज़ूरी दे दी है। उसने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए दस करोड़ रुपए मंज़ूर किए हैं। इस योजना के तहत मोहनोजदड़ो में सास्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
इस स्थल को पिछले साल अप्रैल में पाक सरकार ने सिंध प्रांत के हवाले कर दिया था और प्रांतीय सरकार ने मोहनजोदड़ो को दुरुस्त करने के लिए एक तकनीकी सलाहकार समिति और बोर्ड का गठन किया था। इस्लामाबाद से मिली एक खबर के अनुसार बोर्ड ने मोहनजोदड़ो स्थित रेस्ट हाउस की मरम्मत कराने और भौगोलिक स्थिति का सर्वे कराने का फैसला किया है।
इस योजना के तहत मोहनजोदड़ो स्थल की खोज करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वे विभाग (एएसआई) के पूर्व महानिदेशक सर जॉन मार्शल के वाहन की भी मरम्मत कराई जाएगी और उनके द्वारा लिखी गयी किताबों को भी फिर से प्रकाशित किया जाएगा। बोर्ड ने इसके साथ ही ऐतिहासिक मोहरों की चोरी संबंधी मामले की जांच फिर से शुरू करने का भी फैसला किया है।
बता दें कि सिन्धु घाटी सभ्यता के इस प्रमुख नगर के अवशेषों की खोज 1922 ईस्वी मे की गई थी। तब यह अविभाजित भारत का हिस्सा था। विभाजन के बाद यह पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। यह नगर अवशेष सिन्धु नदी के किनारे सक्खर जिले में स्थित है। मोहन जोदड़ो शब्द का सही उच्चारण है – मोअन जो दड़ो। सिन्धी भाषा में इसका अर्थ है – मृतकों का टीला।